राज्यमें नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त नियमावली 30 जून तक लागू हो जाएगी।
सेवाशर्त नियमावली लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के
पद पर प्रोन्नति मिलेगी। नियोजन इकाई जिला या फिर राज्य स्तर पर करने की भी
तैयारी है।
जिला स्तर पर नियोजन इकाई तय होने की स्थिति में नियोजित शिक्षकों को अपने जिले में तबादले का मौका मिलेगा। अभी राज्य में पंचायत से लेकर जिला परिषद स्तर तक 21 प्रकार की नियोजन इकाइयां हैं। वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता वाली सेवाशर्त कमेटी की अंतिम बैठक 15 मई को होगी। इसके पहले कमेटी की तीन बैठकें हो चुकी हैं।
पहले नियोजित शिक्षकों की बहाली के लिए बनी नियमावली में पूरे सेवाकाल में एक बार अपने नियोजन इकाई के अंदर किसी स्कूल में तबादले का प्रावधान था। नई सेवाशर्त नियमावली लागू होने पर सेवाकाल में अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही एसीपी और प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। सेवाशर्त निर्धारण में सेवा निरंतरता, ऐच्छिक स्थानांतरण, सेवाकालीन प्रशिक्षण, प्रोन्नति का अवसर एवं अनुशासनात्मक मुद्दों पर गाइडलाइन को फाइनल किया जाना है।
24 हजार स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद हैं रिक्त
अभीराज्य में लगभग 24 हजार स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। नई सेवाशर्त नियमावली लागू होने से इन पदों पर नियोजित शिक्षकों को भी प्रोन्नति का लाभ मिल सकेगा। राज्य में 42701 प्राथमिक स्कूल, 30176 मध्य विद्यालय और माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय 5391 हैं। राज्य में अभी 3.23लाख नियोजित शिक्षक हैं। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष ही नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ दे दिया है। इससे अब इन्हें सरकार के अन्य राज्यकर्मियों की तरह लाभ मिलने की संभावना है। हालांकि अभी के प्रावधानों से नियोजित शिक्षकों को नियोजन इकाई पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद आदि होने से कई समस्याएं रही हैं। जिला या राज्य स्तर पर नियोजन इकाई तय होने की स्थिति में शिक्षकों की कई समस्याओं का समाधान स्वत: हो जाएगा। सेवाशर्त तैयार करने के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल की अध्यक्षता वाली कमेटी की पहली बैठक 7 अक्टूबर दूसरी बैठक 27 अक्टूबर को हुई थी।
जिला स्तर पर नियोजन इकाई तय होने की स्थिति में नियोजित शिक्षकों को अपने जिले में तबादले का मौका मिलेगा। अभी राज्य में पंचायत से लेकर जिला परिषद स्तर तक 21 प्रकार की नियोजन इकाइयां हैं। वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता वाली सेवाशर्त कमेटी की अंतिम बैठक 15 मई को होगी। इसके पहले कमेटी की तीन बैठकें हो चुकी हैं।
पहले नियोजित शिक्षकों की बहाली के लिए बनी नियमावली में पूरे सेवाकाल में एक बार अपने नियोजन इकाई के अंदर किसी स्कूल में तबादले का प्रावधान था। नई सेवाशर्त नियमावली लागू होने पर सेवाकाल में अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही एसीपी और प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। सेवाशर्त निर्धारण में सेवा निरंतरता, ऐच्छिक स्थानांतरण, सेवाकालीन प्रशिक्षण, प्रोन्नति का अवसर एवं अनुशासनात्मक मुद्दों पर गाइडलाइन को फाइनल किया जाना है।
24 हजार स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद हैं रिक्त
अभीराज्य में लगभग 24 हजार स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। नई सेवाशर्त नियमावली लागू होने से इन पदों पर नियोजित शिक्षकों को भी प्रोन्नति का लाभ मिल सकेगा। राज्य में 42701 प्राथमिक स्कूल, 30176 मध्य विद्यालय और माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय 5391 हैं। राज्य में अभी 3.23लाख नियोजित शिक्षक हैं। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष ही नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ दे दिया है। इससे अब इन्हें सरकार के अन्य राज्यकर्मियों की तरह लाभ मिलने की संभावना है। हालांकि अभी के प्रावधानों से नियोजित शिक्षकों को नियोजन इकाई पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद आदि होने से कई समस्याएं रही हैं। जिला या राज्य स्तर पर नियोजन इकाई तय होने की स्थिति में शिक्षकों की कई समस्याओं का समाधान स्वत: हो जाएगा। सेवाशर्त तैयार करने के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल की अध्यक्षता वाली कमेटी की पहली बैठक 7 अक्टूबर दूसरी बैठक 27 अक्टूबर को हुई थी।