गोपालगंज। शिक्षकों की कमी पंचदेवरी प्रखंड के सहायता प्राप्त मध्य
विद्यालय जमुनहां बाजार में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं पर भारी पड़ रही है।
इस विद्यालय में छात्र छात्राओं की भीड़ में उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक गुम
हो जाते हैं। शिक्षकों का पूरा समय बच्चों को संभालने तथा एमडीएम खिलाने
में ही बीत जाता है।
ऐसे में इस विद्यालय में शिक्षा के नाम पर बस कोरम पूरा करना शिक्षकों की मजबूरी बन गई है। शिक्षकों की कमी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का यहां मजाक उड़ा रही है। ऐसी स्थित से बच्चों से लेकर उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक परेशान हैं। लेकिन बार बार कहने के बाद भी शिक्षा विभाग शिक्षकों की कमी दूर करने की तरफ उदासीन बना हुआ है। जमुनहां बाजार के ग्रामीण बताते हैं कि 11 कमरों वाले सहायता प्राप्त मध्य विद्यालय में 650 बच्चे पढ़ते हैं। पहले इस विद्यालय में चार शिक्षक थे। लेकिन बीते अप्रैल माह में एक शिक्षक के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद अब यहां मात्र तीन शिक्षक की रह गए हैं। यही तीन शिक्षक कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले 672 बच्चों को संभालते, एमडीएम खिलाते तथा पढ़ाते हैं। ऐसे में बच्चों की भारी भीड़ के बीच शिक्षक उनके बीच गुम हो जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि शिक्षकों की कमी से यहां पढ़ाई के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जाता है। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सपना बना हुआ है। ऐसी स्थिति से बच्चों से लेकर शिक्षक परेशान हैं। लेकिन विभाग शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रति उदासीन बना हुआ है।
बोले हेडमास्टर
हेडमास्टर कहते हैं कि शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए विभागीय पदाधिकारियों को कई बार आवेदन दिया गया। लेकिन अभी तक शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है।
ऐसे में इस विद्यालय में शिक्षा के नाम पर बस कोरम पूरा करना शिक्षकों की मजबूरी बन गई है। शिक्षकों की कमी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का यहां मजाक उड़ा रही है। ऐसी स्थित से बच्चों से लेकर उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक परेशान हैं। लेकिन बार बार कहने के बाद भी शिक्षा विभाग शिक्षकों की कमी दूर करने की तरफ उदासीन बना हुआ है। जमुनहां बाजार के ग्रामीण बताते हैं कि 11 कमरों वाले सहायता प्राप्त मध्य विद्यालय में 650 बच्चे पढ़ते हैं। पहले इस विद्यालय में चार शिक्षक थे। लेकिन बीते अप्रैल माह में एक शिक्षक के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद अब यहां मात्र तीन शिक्षक की रह गए हैं। यही तीन शिक्षक कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले 672 बच्चों को संभालते, एमडीएम खिलाते तथा पढ़ाते हैं। ऐसे में बच्चों की भारी भीड़ के बीच शिक्षक उनके बीच गुम हो जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि शिक्षकों की कमी से यहां पढ़ाई के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जाता है। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सपना बना हुआ है। ऐसी स्थिति से बच्चों से लेकर शिक्षक परेशान हैं। लेकिन विभाग शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रति उदासीन बना हुआ है।
बोले हेडमास्टर
हेडमास्टर कहते हैं कि शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए विभागीय पदाधिकारियों को कई बार आवेदन दिया गया। लेकिन अभी तक शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है।