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फर्जी शिक्षक के सहारे चल रहा स्कूल

जमुई। फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई को लेकर निगरानी द्वारा प्रमाण-पत्रों की जांच की जा रही है, लेकिन फर्जी शिक्षकों पर जिला स्तर से विभागीय कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। 6500 नियोजित शिक्षकों में अब तक 2740 शिक्षकों का फोल्डर निगरानी को नहीं सौंपा गया है।
यह माना जा रहा है कि जिन शिक्षकों का फोल्डर अधूरा है अथवा जिनके फोल्डर जमा नहीं हुए वे फर्जी हैं। दरअसल, पूर्व के नियोजित शिक्षकों के अधिकांश फोल्डर में दो महत्वपूर्ण दस्तावेज मेधा सूची तथा आवेदन नहीं है। बहरहाल जिन शिक्षकों का फोल्डर निगरानी के पास जमा नहीं हुआ वे निरंतर स्कूल में कार्यरत हैं। भले ही उनके प्रमाण-पत्र फर्जी है लेकिन सच्चाई भी यह है कि उनके सहारे ही स्कूल का संचालन हो रहा है। ताजा मामला लक्ष्मीपुर प्रखंड से जुड़ा है जहां आधा दर्जन शिक्षक-शिक्षिका के फर्जी होने का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता के आवेदन के जांच में बताया जा रहा है कि वर्ष 2006 में लक्ष्मीपुर प्रखंड के उमवि. दीघरा में बहाल गोपाल प्रसाद यादव के मैट्रिक व इंटर के प्रमाण-पत्र फर्जी हैं। वहीं उषा कुमारी का नाम पैनल में नहीं होने के बावजूद बहाल कर ली गई। इसी प्रकार उमवि. घोरपारण के शिक्षक दीनानाथ मंडल का इंटर का सर्टिफिकेट भी गलत पाया गया है जबकि प्राथमिक विद्यालय पुस्तहिया की शिक्षिका कलावती देवी का नाम भी पैनल में नहीं रहने के बावजूद वर्ष 2008 में वे बहाल हो गई। इन शिक्षकों के फोल्डर में भी आवेदन, मेधा सूची नहीं है। आवेदन न होने के कारण पैनल में इनका नाम होने की पुष्टि भी नहीं हुई है।
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निगरानी द्वारा वैसे शिक्षकों की सूची मांगी गई है जिनके फोल्डर जमा नहीं किए गए हैं। - काशीलाल पासवान, कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना, जमुई।

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