कैमूर: प्रखंड में विभागीय नियम के विपरित शिक्षा विभाग में चल रहा
प्रतिनियोजन का खेल अब समाप्ति की ओर पहुंच गया है। हालांकि बीआरसी सूत्रों
से मिली जानकारी के अनुसार अभी भी कुछ शिक्षकों का प्रतिनियोजन बरकरार है।
बता दें कि प्रखंड में करीब डेढ़ दर्जन शिक्षकों का प्रतिनियोजन उनके मर्जी के अनुसार डीपीओ से लेकर बीडीओ स्तर पर किया गया था। शिक्षा विभाग की ओर से एक पखवारे पूर्व जिला द्वारा गठित टीम ने जांच की थी। जिसमें यह उजागर हुआ कि विभागीय नियम के विपरीत कई शिक्षक प्रतिनियोजन के आधार पर योगदान दे कार्य कर रहे हैं। जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर डीपीओ स्थापना से चिन्हित सभी शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद कर मूल पद स्थापना वाले जगह पर योगदान करने का निर्देश दिया था। परंतु विभाग द्वारा पत्र बीआरसी में नहीं पहुंचने के कारण उहापोह की स्थिति बनी हुई थी। जैसे ही बुधवार को डीपीओ स्थापना शिक्षा विभाग का पत्र बीईओ व बीडीओ को मिला, प्रतिनियोजित शिक्षकों के चेहरे पर मायूसी छा गई। परंतु ऐसे शिक्षकों को इस बात का मलाल है कि जो शिक्षक बच गए हैं उनका भी प्रतिनियोजन रद्द किया जाए ताकि सभी के साथ न्याय हो। इस संबंध में बीडीओ विनोद कुमार प्रसाद ने बताया कि डीपीओ के पत्र के आधार पर प्रतिनियोजन रद्द किया जा रहा है।
बता दें कि प्रखंड में करीब डेढ़ दर्जन शिक्षकों का प्रतिनियोजन उनके मर्जी के अनुसार डीपीओ से लेकर बीडीओ स्तर पर किया गया था। शिक्षा विभाग की ओर से एक पखवारे पूर्व जिला द्वारा गठित टीम ने जांच की थी। जिसमें यह उजागर हुआ कि विभागीय नियम के विपरीत कई शिक्षक प्रतिनियोजन के आधार पर योगदान दे कार्य कर रहे हैं। जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर डीपीओ स्थापना से चिन्हित सभी शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद कर मूल पद स्थापना वाले जगह पर योगदान करने का निर्देश दिया था। परंतु विभाग द्वारा पत्र बीआरसी में नहीं पहुंचने के कारण उहापोह की स्थिति बनी हुई थी। जैसे ही बुधवार को डीपीओ स्थापना शिक्षा विभाग का पत्र बीईओ व बीडीओ को मिला, प्रतिनियोजित शिक्षकों के चेहरे पर मायूसी छा गई। परंतु ऐसे शिक्षकों को इस बात का मलाल है कि जो शिक्षक बच गए हैं उनका भी प्रतिनियोजन रद्द किया जाए ताकि सभी के साथ न्याय हो। इस संबंध में बीडीओ विनोद कुमार प्रसाद ने बताया कि डीपीओ के पत्र के आधार पर प्रतिनियोजन रद्द किया जा रहा है।