नियोजित शिक्षकों को वेतनमान और निजी स्कूलों की मनमानी का मामला
सर्वदलीय कमेटी के गठन पर सभापति आज सुनायेंगे अपना निर्णय
पटना : विधान परिषद में शुक्रवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष प्रश्नकाल
में निजी स्कूलों की मनमानी, शिक्षा का अधिकार और नियोजित शिक्षकों के
नियमित वेतन भुगतान आदि की मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री को घेरा. विपक्ष
के नेता सुशील कुमार मोदी ने चर्चा के दौरान आसन ने आग्रह किया कि शिक्षा
के अधिकार के मामले में वे अपने स्तर से एक सर्वदलीय कमेटी बना दें. सभापति
ने उनकी मांग पर शनिवार को अपना निर्णय सुनाने की बात कहीं. चर्चा के
दौरान शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि राज्य के नियोजित शिक्षकों को
भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलेगा. नियोजित शिक्षकों के
सेवाशर्त को लेकर भी सरकार गंभीर है.
इसकी प्रक्रिया चल रही है. विधान परिषद में दिलीप कुमार चौधरी के
तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की
सेवा शर्त बनाने का काम जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा. शिक्षकों के वेतन पर
भुगतान उन्होंने कहा कि राज्य में 66,000 पुराने नियमित शिक्षक हैं, उनको
समय पर वेतन मिल रहा है, लेकिन केंद्र से समय पर पैसा नहीं मिलने और कम
राशि मिलने के कारण ढाई लाख नियोजित शिक्षकों को मानदेय देने में परेशानी
होती है.
इधर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों में गरीब
छात्रों के नामांकन की व्यवस्था पर बैठक होगी या समिति बनेगी, इसका फैसला
वह शनिवार को करेंगे. भाजपा के मंगल पांडेय ने तारांकित प्रश्न के जरिये
सदन में सवाल उठाया था.
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि किन स्कूलों में गरीब छात्रों का
नामांकन होता है और किन में नहीं, इसकी जांच करायी जा रही है. इस पर सुशील
मोदी ने कहा कि सभापति इस मामले की जांच के लिए सदन की समिति बना दें.
केदार पांडेय ने कहा कि समिति पहले भी बन चुकी है. वहीं, शिक्षा मंत्री का
जोर कमेटी बनाने से पहले बैठक पर था. भाजपा के विनोद नारायण झा ने
कोचिंगों के निबंधन का मामला उठाया. नवल किशोर यादव ने अनुदानित कालेजों को
अनुदान नहीं मिलने का मामला उठाया.
सदन में जब प्रभात खबर की हुई चर्चा
विधान परिषद में संजीव कुमार सिंह ने संबंद्ध डिग्री कालजों में भी
फ्री वाइ-फाइ की सुविधा उपलब्ध कराने की सरकार की योजना के बारे में जानना
चाहा, तो शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी सरकार की इस तरह की योजना नहीं है.
इसी चर्चा में कहा कि बिहार दिवस पर वाइ-फाइ का उद्घाटन हुआ, लेकिन पटना
विवि में इसकी सुविधा नहीं मिल रही है. प्रभात खबर ने इस आशय का समाचार
प्रकाशित किया है.