वैशाली। बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने जिला कार्यक्रम
पदाधिकारी के हिटलर रवैये की कड़ी आलोचना की है। हाजीपुर के अनवरपुर स्थित
संघ के जिला कार्यालय में आयोजित सदस्यों की बैठक में वर्ष 2014 से बकाए
एरियर का अब तक भुगतान नहीं किए जाने के लिए डीपीओ स्थापना को जिम्मेदार
बताते हुए सदस्यों ने कहा कि प्रदेश के शिक्षकों के प्रति शिक्षा विभाग के
अफसरों की कार्यशैली से यह जान पड़ता है कि राज्य सरकार वास्तव में प्रदेश
के बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहती।
अगर शैक्षिक व्यवस्था के आधार-स्तंभ शिक्षकों के प्रति अफसरों का रवैया ऐसा है कि उन्हें आवंटन के बावजूद समय पर वेतन नहीं दिया जाता। उनके एरियर सहित बकाए अन्य भत्तों का सही समय से भुगतान नहीं किया जाता। समय पर शिक्षकों की सेवाशर्त का संधारण नहीं किया जाता। इससे यह सहज ही समझा जा सकता है कि सही शैक्षिक परिवेश विकसित करने की दिशा में सरकार जानबूझ कर निष्क्रिय बनी हुई है।
संघ के जिलाध्यक्ष अहमद हुसैन आजाद की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सदस्यों ने कहा कि शिक्षकों को विभिन्न संवर्गों में बांट राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को इतना अधिक बदहाल कर दिया है कि प्रदेश के अभिभावक अपने बच्चों के शैक्षिक विकास को ले सरकारी विद्यालयों को छोड़ निजी विद्यालयों की शरण में जाने को विवश हैं। संघ के अध्यक्ष अहमद हुसैन आजाद ने प्रदेश के उर्दू स्कूलों की स्थिति की चर्चा करते हुए सदस्यों के बीच कहा कि प्रदेश के उर्दू विद्यालयों में पिछले 9 माह से अब तक किताबें नहीं भेजी गई हैं। जिनके कारण बच्चों ने विद्यालय आना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी हाल में हुए जिला स्तरीय उर्दू सेमिनार में उपस्थित शिक्षा विभाग के पदाधिकारी इम्तेयाज अहमद से जब उन्होंने जिले के उर्दू विद्यालय में नौ माह बीतने के बाद भी पुस्तकें नहीं भेजे जाने का कारण जानना चाहा तो शिक्षा पदाधिकारी ने इस पूरे मामले से ही अपना पल्ला झाड़ लिया। संघ अध्यक्ष ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 15 जनवरी से पूर्व शिक्षकों की सेवाशर्त का संधारण कर समान काम के बदले समान वेतनमान नहीं देती पूरे प्रदेश के 4 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक सरकार के विरूद्ध सामूहिक रूप से आमरण अनशन व धरना-प्रदर्शन कर बजट सत्र को बाधित कर देंगे। बैठक को संघ की कोषाध्यक्ष फरिदा खातून, जिला महासचिव विपिन कुमार के अलावा अर¨वद कुमार, सोनू, मो. फिरोज, विजय यादव, मो. शमशाद, खुर्शीदा बानो, प्रेम कुमार, सानिया परवीन,कबीर कुमार आदि शिक्षकों ने भी संबोधित किया।
अगर शैक्षिक व्यवस्था के आधार-स्तंभ शिक्षकों के प्रति अफसरों का रवैया ऐसा है कि उन्हें आवंटन के बावजूद समय पर वेतन नहीं दिया जाता। उनके एरियर सहित बकाए अन्य भत्तों का सही समय से भुगतान नहीं किया जाता। समय पर शिक्षकों की सेवाशर्त का संधारण नहीं किया जाता। इससे यह सहज ही समझा जा सकता है कि सही शैक्षिक परिवेश विकसित करने की दिशा में सरकार जानबूझ कर निष्क्रिय बनी हुई है।
संघ के जिलाध्यक्ष अहमद हुसैन आजाद की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सदस्यों ने कहा कि शिक्षकों को विभिन्न संवर्गों में बांट राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को इतना अधिक बदहाल कर दिया है कि प्रदेश के अभिभावक अपने बच्चों के शैक्षिक विकास को ले सरकारी विद्यालयों को छोड़ निजी विद्यालयों की शरण में जाने को विवश हैं। संघ के अध्यक्ष अहमद हुसैन आजाद ने प्रदेश के उर्दू स्कूलों की स्थिति की चर्चा करते हुए सदस्यों के बीच कहा कि प्रदेश के उर्दू विद्यालयों में पिछले 9 माह से अब तक किताबें नहीं भेजी गई हैं। जिनके कारण बच्चों ने विद्यालय आना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी हाल में हुए जिला स्तरीय उर्दू सेमिनार में उपस्थित शिक्षा विभाग के पदाधिकारी इम्तेयाज अहमद से जब उन्होंने जिले के उर्दू विद्यालय में नौ माह बीतने के बाद भी पुस्तकें नहीं भेजे जाने का कारण जानना चाहा तो शिक्षा पदाधिकारी ने इस पूरे मामले से ही अपना पल्ला झाड़ लिया। संघ अध्यक्ष ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 15 जनवरी से पूर्व शिक्षकों की सेवाशर्त का संधारण कर समान काम के बदले समान वेतनमान नहीं देती पूरे प्रदेश के 4 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक सरकार के विरूद्ध सामूहिक रूप से आमरण अनशन व धरना-प्रदर्शन कर बजट सत्र को बाधित कर देंगे। बैठक को संघ की कोषाध्यक्ष फरिदा खातून, जिला महासचिव विपिन कुमार के अलावा अर¨वद कुमार, सोनू, मो. फिरोज, विजय यादव, मो. शमशाद, खुर्शीदा बानो, प्रेम कुमार, सानिया परवीन,कबीर कुमार आदि शिक्षकों ने भी संबोधित किया।