हजारीबाग। हजारीबाग के 89 हाई स्कूल है। जिसमे प्रधानाध्यापको के अलावा शिक्षकों के स्वीकृत पद 1086 है। इसमें मात्र 279 सहायक शिक्षक कार्यरत है। प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे स्कूल चल रहे है। सभी स्कूलों में कई विषयो में शिक्षकों की भारी कमी है।
सहायक शिक्षक के 807 पद रिक्त है। शिक्षकों की कमी को देखते राज्य मुख्यालय से नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है।
जिले में 3 राजकीय, 17 राजकीयकृत, 14 परियोजना और 65 उतक्रमित उच्च विधालय है। तकरीबन सभी हाई स्कूलो को सभी विषयो में पढ़ाई के लिए शिक्षको की कमी से जुझना पड़ना पड़ रहा है। जिले के हाई स्कूलों में हिन्दी विषय में शिक्षक के 5,अग्रेजी में 79 , संस्कृत में 86, उर्दू में 32, फारसी में 4, खोरठा में 30, संथाली में एक, विज्ञान गणित में 83, जीवविज्ञान रसायन में 83, इतिहास नागरिक जीवन में 61, भूगोल में 70, अर्थशास्त्र में 68, शारीरिक शिक्षा में 78, गृह विज्ञान में 78, वाणिज्य में 10, संगीत में 14, क्राफट में 1 पद रिक्त है। दो-तीन शिक्षकों के भरोसे कई स्कूल जिले में 3 राजकीय विधालय में 11 सहायक शिक्षक कार्यरत है। जबकि वहाँ 17 विषयो में पढाई कराये जाने का प्रावधान है। उसी तरह 17 राजकीयकृत हाई स्कूलो में 11 शिक्षक कार्यरत है। जबकि 14 परियोजना उच्च विधालयो में मात्र 8 शिक्षक के भरोसे चल रहा है। पहले चरण में उतक्रमित 20 हाईस्कूलो में नये शिक्षको की नियुकित हुई है। जिसमें विषयवार शिक्षक नहीं है। 45 उतक्रमित उच्च विधालय प्राइमरी शिक्षको के भरौसे चल रहे है। मैट्रिक परीक्षा में बेहतर रिजल्ट के लिए विशेष कोचिंग-डीईओ डीईओ सरिता डाडेल ने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी से उच्च विधालयो में गुणवतापुर्ण शिक्षा प्रभावित हो रही है। इससे निबटने सभी हाई स्कूलो में विज्ञान, गणित में विशेष कोचिंग की व्यवस्था की गई है। जिन स्कूलो में शिक्षको की कमी है, वहां विभिन्न विधालयो के शिक्षको से विधालय कार्य के अलावा कोचिंग में मदद ली जा रही है। इसमे अवकाश प्राप्त शिक्षको से सेवा लेने पर विचार किया जा रहा है।
सहायक शिक्षक के 807 पद रिक्त है। शिक्षकों की कमी को देखते राज्य मुख्यालय से नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है।
जिले में 3 राजकीय, 17 राजकीयकृत, 14 परियोजना और 65 उतक्रमित उच्च विधालय है। तकरीबन सभी हाई स्कूलो को सभी विषयो में पढ़ाई के लिए शिक्षको की कमी से जुझना पड़ना पड़ रहा है। जिले के हाई स्कूलों में हिन्दी विषय में शिक्षक के 5,अग्रेजी में 79 , संस्कृत में 86, उर्दू में 32, फारसी में 4, खोरठा में 30, संथाली में एक, विज्ञान गणित में 83, जीवविज्ञान रसायन में 83, इतिहास नागरिक जीवन में 61, भूगोल में 70, अर्थशास्त्र में 68, शारीरिक शिक्षा में 78, गृह विज्ञान में 78, वाणिज्य में 10, संगीत में 14, क्राफट में 1 पद रिक्त है। दो-तीन शिक्षकों के भरोसे कई स्कूल जिले में 3 राजकीय विधालय में 11 सहायक शिक्षक कार्यरत है। जबकि वहाँ 17 विषयो में पढाई कराये जाने का प्रावधान है। उसी तरह 17 राजकीयकृत हाई स्कूलो में 11 शिक्षक कार्यरत है। जबकि 14 परियोजना उच्च विधालयो में मात्र 8 शिक्षक के भरोसे चल रहा है। पहले चरण में उतक्रमित 20 हाईस्कूलो में नये शिक्षको की नियुकित हुई है। जिसमें विषयवार शिक्षक नहीं है। 45 उतक्रमित उच्च विधालय प्राइमरी शिक्षको के भरौसे चल रहे है। मैट्रिक परीक्षा में बेहतर रिजल्ट के लिए विशेष कोचिंग-डीईओ डीईओ सरिता डाडेल ने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी से उच्च विधालयो में गुणवतापुर्ण शिक्षा प्रभावित हो रही है। इससे निबटने सभी हाई स्कूलो में विज्ञान, गणित में विशेष कोचिंग की व्यवस्था की गई है। जिन स्कूलो में शिक्षको की कमी है, वहां विभिन्न विधालयो के शिक्षको से विधालय कार्य के अलावा कोचिंग में मदद ली जा रही है। इसमे अवकाश प्राप्त शिक्षको से सेवा लेने पर विचार किया जा रहा है।