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समान काम ! समान वेतन! हेतु हुई सुनवाई की सूचना!!!!!

माननीय उच्च न्यायालय , पटना , में दायर याचिका CWJC 21199/2013 पर लगातार तीसरे दिन बहस हुई। जिसमें सरकार के तरफ से महाधिवक्ता ललित किशोर जी ने पक्ष रखते हुए कहा की नियोजित शिक्षको की नियुक्ति सरकार नहीं पंचायती राज संस्थाएं करती हैं।
ये सरकारी कर्मी के श्रेणी में नहीं आते हैं,उसके बाद भी इन शिक्षकों को सरकार ने वेतनमान दे दिया , जिससे इनका दावा समान काम - समान वेतन का नहीं बनता है। इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाय।

इस पर संघ के तरफ से वरीय अधिवक्ता विष्णुराज सिंह ने काउंटर करते हुए जब पूछा की इन शिक्षकों का नियंत्रणकर्ता कौन है?
इनकी सेवा शर्त कौन बनाता है?
जब इनकी नियूक्ति पंचायतीराज संस्थाएं करती हैं, तब इनका वेतनमान सरकार क्यों घोषित करती है?
इन सवालों का महाधिवक्ता जबाव ललित किशोर जी टाल रहे थे, कोर्ट को दूसरी बातों में उलझाना चाहते थे।जिस पर वरीय अधिवक्ता विष्णुराज जी ने 26 अक्टूबर 2016 को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा " समान काम- समान वेतन " हेतु दिए गए फैसले पर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराया, तो कार्यकारी माननीय मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता जी ने कहा की उसे मैंने पढा है इसलिए ललित किशोर जी पूरी बात तैयारी के साथ शुक्रवार को रखिए।
ललित किशोर जी ने शुक्रवार को असमर्थता जताई इसलिए शनिवार से सोमवार तक अवकाश होने के कारण याचिका पर पुनः सुनवाई हेतु दिनांक :- 14.12.2016 निर्धारित किया गया है।
भगवान से प्रार्थना है कि उस दिन नियोजित शिक्षकों का भाग्य सौभाग्य में बदल दें।

नोटः- उल्लेखनीय यह है कि नियोजित शिक्षकों के द्वारा दायर पहली याचिका है जो सुनवाई के इस स्तर पर आया हुआ है।यदि आदेश शिक्षकों के पक्ष में आया तो हमारी मुँहमाँगी मुराद पूरी होगी

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