बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) मुख्य परीक्षा की तारीख को आगे
बढ़ाने की मांग को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक छात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे
हैं. बीपीएससी ने मुख्य परीक्षा को आठ जुलाई से 30 जुलाई के बीच कराने का
कार्यक्रम घोषित किया है.
वहीं संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) पहले ही प्रारंभिक परीक्षा की तारीख सात अगस्त को घोषित कर चुका है. करीब 25 हजार छात्र बीपीएससी के फैसले से परेशान हैं. छात्रों की मांग है कि बीपीएससी मुख्य परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाया जाए और उसे यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के बाद लिया जाए.
इस मुद्दे पर दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने वाले बिहारी छात्र गुरुवार को दिल्ली स्थित बिहार भवन पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. तीन दिन पहले भी इन छात्रों ने बिहार भवन पर धरना दिया था. वहीं बुधवार को पटना में छात्रों ने बीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज कर उन्हें भगा दिया. पुलिसिया लाठीचार्ज में कई छात्रों के घायल होने की सूचना है.
प्रदर्शन में शामिल छात्र हरेंद्र यादव ने कैच से कहा, 'यूपीएससी पहले ही परीक्षा की तारीख घोषित कर देती है. बीपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम पिछले साल नवंबर में आ गये थे, लेकिन मुख्य परीक्षा की तारीख करने में देर होता रहा. कई छात्र जिन्हें बीपीएससी की मुख्य परीक्षा में बैठना है, उनका इस साल यूपीएससी में आखिरी प्रयास है.'
हरेंद्र ने कहा कि बीपीएससी और यूपीएससी परीक्षा के पैटर्न में काफी अंतर है. जो छात्र बीपीएससी की मुख्य परीक्षा में लगे हुए हैं, उनका इस साल यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा निकाल पाना मुश्किल होगा. क्योंकि छात्रों को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी का समय बिलकुल नहीं मिलेगा.
इसके अलावा बीपीएससी के परीक्षा का केंद्र पटना होता है और यूपीएससी के सेंटर सारे देश में होते हैं. जो भी छात्र पटना परीक्षा देने जाएंगे, अगर उनका यूपीएससी का सेंटर बिहार नहीं पड़ता तो उन्हें यात्राएं करनी होंगी. साथ ही रेल टिकट मिलने में भी मुश्किलें आ सकती हैं.
पहले खबर आई थी कि बीपीएससी की मुख्य परीक्षा जून माह में हो सकती है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जब रमजान के महीने के चलते सरकार परीक्षा की तारीख को एक माह आगे बढ़ा सकती है तो उसे और आगे बढ़ाने में क्या दिक्कत है?
एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र रंजन राज ने कहा कि इस मुद्दे पर छात्रों को विभिन्न दलों के नेताओं से आश्वासन मिला है कि लेकिन अब तक कुछ होता नहीं दिख रहा है.
मंगलवार को छात्रों ने राज्यसभा सांसद शरद यादव से मुलाकात किया था. शरद यादव ने कहा है कि वो इस मसले पर सरकार से बात करेंगे, हालांकि उन्होंने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया. इसके अलावा छात्रों ने आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और सांसद पप्पू यादव ने मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. दोनों नेताओं ने छात्रों की परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाए जाने मांग का समर्थन किया है.
इस मसले पर जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि वे छात्रों की परेशानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बता चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री आंखे मूंदे हुए हैं. उन्होंने आरोप लगया कि नीतीश और लालू को इन छात्रों के हितों की कोई चिंता नहीं है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के छात्रों की मांग पर यूपी सरकार ने यूपीपीएससी की तारीख में बदलाव कर दिया. अब यह परीक्षा सितंबर माह में होगी.
टॉपर्स विवाद में उलझी बिहार सरकार के लिए बीपीएससी विवाद नई परेशानी है. हालांकि, अब तक राज्य सरकार ने इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई है. इस मसले पर छात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है.
कैच ने राज्य के शिक्षा मंत्री अशोक कुमार चौधरी से संपर्क करने की कोशिश की, उनके निजी सचिव ने बताया कि परीक्षा की तारीख बढ़ाए जाने की कोई जानकारी नहीं है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि वो इस मामले से अनभिज्ञ हैं.
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वहीं संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) पहले ही प्रारंभिक परीक्षा की तारीख सात अगस्त को घोषित कर चुका है. करीब 25 हजार छात्र बीपीएससी के फैसले से परेशान हैं. छात्रों की मांग है कि बीपीएससी मुख्य परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाया जाए और उसे यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के बाद लिया जाए.
इस मुद्दे पर दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने वाले बिहारी छात्र गुरुवार को दिल्ली स्थित बिहार भवन पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. तीन दिन पहले भी इन छात्रों ने बिहार भवन पर धरना दिया था. वहीं बुधवार को पटना में छात्रों ने बीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज कर उन्हें भगा दिया. पुलिसिया लाठीचार्ज में कई छात्रों के घायल होने की सूचना है.
प्रदर्शन में शामिल छात्र हरेंद्र यादव ने कैच से कहा, 'यूपीएससी पहले ही परीक्षा की तारीख घोषित कर देती है. बीपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम पिछले साल नवंबर में आ गये थे, लेकिन मुख्य परीक्षा की तारीख करने में देर होता रहा. कई छात्र जिन्हें बीपीएससी की मुख्य परीक्षा में बैठना है, उनका इस साल यूपीएससी में आखिरी प्रयास है.'
हरेंद्र ने कहा कि बीपीएससी और यूपीएससी परीक्षा के पैटर्न में काफी अंतर है. जो छात्र बीपीएससी की मुख्य परीक्षा में लगे हुए हैं, उनका इस साल यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा निकाल पाना मुश्किल होगा. क्योंकि छात्रों को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी का समय बिलकुल नहीं मिलेगा.
इसके अलावा बीपीएससी के परीक्षा का केंद्र पटना होता है और यूपीएससी के सेंटर सारे देश में होते हैं. जो भी छात्र पटना परीक्षा देने जाएंगे, अगर उनका यूपीएससी का सेंटर बिहार नहीं पड़ता तो उन्हें यात्राएं करनी होंगी. साथ ही रेल टिकट मिलने में भी मुश्किलें आ सकती हैं.
पहले खबर आई थी कि बीपीएससी की मुख्य परीक्षा जून माह में हो सकती है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जब रमजान के महीने के चलते सरकार परीक्षा की तारीख को एक माह आगे बढ़ा सकती है तो उसे और आगे बढ़ाने में क्या दिक्कत है?
एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र रंजन राज ने कहा कि इस मुद्दे पर छात्रों को विभिन्न दलों के नेताओं से आश्वासन मिला है कि लेकिन अब तक कुछ होता नहीं दिख रहा है.
मंगलवार को छात्रों ने राज्यसभा सांसद शरद यादव से मुलाकात किया था. शरद यादव ने कहा है कि वो इस मसले पर सरकार से बात करेंगे, हालांकि उन्होंने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया. इसके अलावा छात्रों ने आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और सांसद पप्पू यादव ने मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. दोनों नेताओं ने छात्रों की परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाए जाने मांग का समर्थन किया है.
इस मसले पर जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि वे छात्रों की परेशानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बता चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री आंखे मूंदे हुए हैं. उन्होंने आरोप लगया कि नीतीश और लालू को इन छात्रों के हितों की कोई चिंता नहीं है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के छात्रों की मांग पर यूपी सरकार ने यूपीपीएससी की तारीख में बदलाव कर दिया. अब यह परीक्षा सितंबर माह में होगी.
टॉपर्स विवाद में उलझी बिहार सरकार के लिए बीपीएससी विवाद नई परेशानी है. हालांकि, अब तक राज्य सरकार ने इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई है. इस मसले पर छात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है.
कैच ने राज्य के शिक्षा मंत्री अशोक कुमार चौधरी से संपर्क करने की कोशिश की, उनके निजी सचिव ने बताया कि परीक्षा की तारीख बढ़ाए जाने की कोई जानकारी नहीं है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि वो इस मामले से अनभिज्ञ हैं.
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