पटना : पूर्व
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पशुपालन विभाग से गायब साढ़े
चार सौ से अधिक फाइलों में 50 से अधिक फाइल चारा घोटाला से संबंधित है.
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक हजार करोड़ के चारा घाेटाले
के सजायफ्ता लालू प्रसाद और अन्य प्रमुख अभियुक्तों को बचाने के प्रयास
में जुट गये हैं. उन्होंने कहा है कि कड़ी सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरों की
निगरानी के बावजूद पशुपालन विभाग की संचिकाएं गायब हुई है.
सरकार मामले को रफा–दफा करने के लिए त्रिसदस्यीय विभागीय समिति बना दी
है ताकि विभाग के स्तर पर ही क्लीनचिट दिया जा सके. इसलिए षड्यंत्र के
तहत चारा घोटाले से जुड़ी संचिकाओं को गायब कराने की जांच सीबीआइ से करायी
जाये. मोदी ने कहा है कि सरकार कह रही है कि चोरी हुई संचिकाएं चारा
घोटाले से संबंधित नहीं है, जबकि मुख्य अभियुक्त लालू प्रसाद जो चारा
घोटाले में सजायफ्ता होने के बावजूद अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं. उनके
खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े करीब आधे दर्जन अन्य मामले लंबित है.
राज्य में शिक्षा माफिया को लालू प्रसाद और नीतीश कुमार का संरक्षण
प्राप्त है. देश में बिहार की परीक्षा प्रणाली संदेह के कटघरे में खड़ी है.
वर्षों से अयोग्य परीक्षार्थी को टाॅपर बनाने का गोरखधंधा चल रहा था.
उसमें लाखों-करोड़ों की डील हो रही थी. इस काले कारोबार का केंद्र बिहार
विोद्यालय परीक्षा समिति बना हुआ है. इसका नायक सीएम के करीबी माने जाने
वाले समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह हैं.
मंगल पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष
इंटर टॉपर घोटाला, पशुपालन विभाग से फाइलों का गायब होना, कंप्यूटर
सहायकों की नियुक्ति में घपला, छात्रवृत्ति घोटाला, सत्ता पक्ष के नेताओं
को सरकार का संरक्षण देने से राज्य बदनाम हो रही है. बिहार बोर्ड में टॉपर
घोटाला पहले से जारी है. नीतीश सरकार तब जगी है जब विपक्ष ने शोर मचाया
है.
प्रेम कुमार, नेता प्रतिपक्ष
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