यह बात शायद हर लोगों को मालुम होगी कि सेक्स स्त्री और पुरुष दोनों के लिए बहुत ही जरुरी होता है. पर इसे कितना करना चाहिये और कितनी बार सेक्स करने से लोग खुश हो पाते हैं शायद यह बात बहुत लोगों को मालुम नहीं है.
अजित कुमार,पटना: बिहार में पिछले साल की भांति इस साल भी टॉपर घोटाला सामने आया है. आर्ट्स का टॉपर गणेश भी सवालों के घेरे में है उसके मेधा पर सिर्फ सवाल ही नहीं खड़ा हो रहा है बल्कि स्ठिती सपष्ट हो चुका है. गणेश कुमार को अपने विषय के बारे में जानकारी भी नहीं है.
न्यूज़ डेस्क: बिहार में घोटालों का दौर जारी है इंटर परीक्षा का परिणाम आते ही कल से राजनीति गर्म है छात्र जहाँ सड़कों पर उतरे हुए हैं वहीँ सीएम और शिक्षा मंत्री के बीच लगातार बातचीत का दौर जारी है.
शेखपुरा.ललन कुमार(31मई). बिहार में 30 मई को घोषित हुए इंटर के रिजल्ट में रिजल्ट माफिया का खेल भी खूब चला. इंटर में 75%रिजल्ट दिलाने के लिए रिजल्ट माफिया बोर्ड ऑफिस में हावी रहे.
12.61 लाख परीक्षार्थियों में से करीब 8 लाख परीक्षार्थियों के लिए राहत भरी खबर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि फेल हुए परीक्षार्थियों की कॉपी फिर से चेक की जाएगी.
इंटरमीडिएट परिणाम को लेकर चारों तरफ कोहराम मचा हुआ हैं। इस परिणाम से एक बात स्पष्ट है कि यहाँ वास्तव में पढने वाले बच्चों का प्रतिशत यहीं है।ये बात अलग है कि इससे पहले लालू-राबड़ी,नीतीश काल में परीक्षा परिणामों में बेतहाशा वृद्धि हुई थी।
न्यूज़ डेस्क: राज्य के शिक्षा में बड़ी कार्रवाई करने की कवायद चल रही है सरकार द्वारा लिया जाने वाला दक्षता परीक्षा में तीन बार फेल हुए शिकशों को विभाग अब उनके पद से हटाने जा रही है. तीन बार दक्षता परीक्षा में फेल होने वालों में 1535 शिक्षक जिनपर गाज गिरनी तय है.
न्यूज़ डेस्क: बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने सूबे के छह जिलों के (डीपीओ) जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सस्पेंड कर दिया है. इसमें भोजपुर, जमुई, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सुपौल व कटिहार के डीपीओ शामिल हैं. अशोक चौधरी ने इन साभी के निलंबन पर अपनी मंजूरी दे दी है.
बिहार के शिक्षा व्यवस्था पर हाय तौबा क्यों?
BSEB के परिणाम घोषित होते ही बिहार के मिडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक भुचाल . पर ये तो होना ही था . आज जो विपक्षी या मिडिया चिल्ला रहे है गत वर्षो मे क्यों मौन धारण किए बैठी थी।
हमारे शिक्षा मंत्री बेशर्मी की हद कर दी है।
कह रहे है इस बार कदाचार नहीं हुआ इस लिए ३७ % छात्र उत्तीर्ण हुए है, इस का मतलब ये हुआ की २०१२ में ९०% , बर्ष २०१३ में ८८ % और बर्ष २०१५ में ८७ % रिजल्ट फेक है और अगर ये फेक है और उस के जिम्मेवार किसे मानते है ? अपनी ही सरकार कटघरे में खड़ा कर रहे है.
एम एल सी एवं जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने सभी बातों को खारिज करते हुए कहा कि इस बार के परिणाम निराशाजनक नही अपितु शिक्षा विभाग ने बेहतर काम और कदाचारमुक्त परीक्षा का परिणाम है।
नीतीश सरकार के मंत्री और अधिकारी कदाचार मुक्त परीक्षा कंडक्ट कराने को लेकर खुद की पीठ भले ही थपथपा रहे हैं लेकिन बोर्ड की कारगुजारी कई स्टूडेंट्स का भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है.