न्यूज़ डेस्क: बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने सूबे के छह जिलों के (डीपीओ) जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सस्पेंड कर दिया है. इसमें भोजपुर, जमुई, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सुपौल व कटिहार के डीपीओ शामिल हैं. अशोक चौधरी ने इन साभी के निलंबन पर अपनी मंजूरी दे दी है.
इन सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारीयों पर आरोप है कि इन्होने अपने काम में शिथिलता बरती है. इसके अलावे एनी जिलों के अधिकारीयों का वेतन रोक दिया गया है. गौरतलब है कि इन सभी अधिकारीयों का वेतन पिछले महीने रोका गया था लेकिन इसके बाद भी भोजपुर, जमुई, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सुपौल व कटिहार के डीपीओ के कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया और इनके कार्य प्रगति शून्य रहा. विदित हो कि प्लस टू स्कूलों के छात्र-छात्राओं का स्टूडेंट प्रोफाइल यू डाइस में अपलोड करने के लिए चार एजेंसी को नियुक्त किया गया है जिसपर काम चल रहा है लेकिन कार्य संतोषजनक नहीं है.
यू डाइस रिपोर्ट के मुताबिक़ 43.5 लाख छात्र-छात्राएं प्लस टू स्कूल में नामांकित हैं जबकि 28.37 लाख का प्रोफाइल डिटेल ही एजेंसी तक अभी पहुंचा है. इसपर समीक्षा करने के बाद इन सभी का वेतन रोका गया था अब इन्हें निलंबित किया गया है. इसके अलावे मो हारूल, सुपौल जिला शिक्षा पदाधिकारी को निगरानी ने घूस लेते हुए पकड़ा है जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है इसका अतिरिक्त प्रभार डीपीओ को दिया गया है.
इन सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारीयों पर आरोप है कि इन्होने अपने काम में शिथिलता बरती है. इसके अलावे एनी जिलों के अधिकारीयों का वेतन रोक दिया गया है. गौरतलब है कि इन सभी अधिकारीयों का वेतन पिछले महीने रोका गया था लेकिन इसके बाद भी भोजपुर, जमुई, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सुपौल व कटिहार के डीपीओ के कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया और इनके कार्य प्रगति शून्य रहा. विदित हो कि प्लस टू स्कूलों के छात्र-छात्राओं का स्टूडेंट प्रोफाइल यू डाइस में अपलोड करने के लिए चार एजेंसी को नियुक्त किया गया है जिसपर काम चल रहा है लेकिन कार्य संतोषजनक नहीं है.
यू डाइस रिपोर्ट के मुताबिक़ 43.5 लाख छात्र-छात्राएं प्लस टू स्कूल में नामांकित हैं जबकि 28.37 लाख का प्रोफाइल डिटेल ही एजेंसी तक अभी पहुंचा है. इसपर समीक्षा करने के बाद इन सभी का वेतन रोका गया था अब इन्हें निलंबित किया गया है. इसके अलावे मो हारूल, सुपौल जिला शिक्षा पदाधिकारी को निगरानी ने घूस लेते हुए पकड़ा है जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है इसका अतिरिक्त प्रभार डीपीओ को दिया गया है.