आरा (भोजपुर) | शिक्षा विभाग समाचार
बिहार के भोजपुर जिले के आरा में कार्यरत शिक्षकों में उस समय भारी नाराजगी देखने को मिली, जब यह सामने आया कि वेतन से नियमित रूप से EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) की कटौती तो की जा रही है, लेकिन वह राशि शिक्षकों के EPF खातों में जमा नहीं की जा रही। इस गंभीर लापरवाही को लेकर शिक्षकों में गहरा रोष है।
वेतन पर्ची में कटौती, लेकिन EPF खाते में एंट्री नहीं
प्रभावित शिक्षकों का कहना है कि:
-
हर महीने वेतन पर्ची में EPF कटौती स्पष्ट रूप से दर्ज है
-
इसके बावजूद EPF पासबुक या खाते में महीनों से राशि अपडेट नहीं हो रही
-
कई शिक्षकों के लंबे समय की EPF राशि बकाया है
इस स्थिति ने शिक्षकों के भविष्य और सेवानिवृत्ति सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
विभागीय लापरवाही से नाराज शिक्षक
शिक्षकों का आरोप है कि:
-
संबंधित कार्यालयों को कई बार मौखिक व लिखित शिकायत दी गई
-
अब तक न तो राशि जमा हुई और न ही कोई स्पष्ट जवाब मिला
-
जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण समस्या लगातार बनी हुई है
इसी कारण शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
EPF जमा नहीं होना गंभीर वित्तीय अनियमितता
EPF से जुड़ी राशि:
-
कर्मचारी के भविष्य की बचत होती है
-
उस पर वार्षिक ब्याज भी मिलता है
-
समय पर जमा न होने से ब्याज का नुकसान भी होता है
वेतन से कटौती के बाद EPF जमा न करना नियमों के अनुसार गंभीर वित्तीय अनियमितता मानी जाती है।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
आक्रोशित शिक्षकों ने मांग की है कि:
-
सभी बकाया EPF राशि तत्काल खातों में जमा की जाए
-
दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो
-
भविष्य में EPF कटौती के बाद समय पर जमा सुनिश्चित की जाए
जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन की चेतावनी
शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही EPF से जुड़ी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
निष्कर्ष
आरा सहित बिहार के कई जिलों में EPF कटौती से जुड़ी यह समस्या शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। समय रहते यदि विभाग ने इस पर ठोस कदम नहीं उठाए, तो मामला और गंभीर रूप ले सकता है।