सिलाव के पावाडीह पंचायत नियोजन में गड़बड़ी का आरोप
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शिक्षक बहाली : 8 नियोजन इकाइयों में भारी गड़बड़ी, काउंसिलिंग रद्द
शिक्षक बहाली : 8 नियोजन इकाइयों में भारी गड़बड़ी, काउंसिलिंग रद्द
कहीं नियमों का हुआ उल्लंघन तो कहीं आरक्षण रोस्टर का नहीं किया गया पालन
Bihar: शिक्षक नियोजन के छठे फेज के दूसरे दौर की तारीख जारी, 2 से 13 अगस्त तक होगी काउंसलिंग
Patna: शिक्षा विभाग ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया तेज कर दी है. इसी क्रम में बुधवार को प्राथमिक शिक्षा विभाग ने छठे दौर के दूसरे फेज की कांउसिलिंग की तारीख घोषित की. बता दें कि इससे पहले इसी महीने पहले फेज की कांउसिलिंग पूरे बिहार में हुई थी. लेकिन धांधली के आरोप में 400 नियोजन इकाई की काउंसलिंग रद्द कर दी गई थी, जिसके बाद विभाग ने आज जो काउंसिलिंग की तारीख घोषित की है, उसमें क्लास छह से आठ तक के स्कूलों में शिक्षक नियोजन का जिक्र है. यानि इस दौर में छह से आठ तक के स्कूलों के लिए नियोजन होगा.
बिहार में शिक्षक नियोजन के दूसरे चरण का शेड्यूल जारी, देखें यहां कब और कहां होगी काउंसलिंग
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में 90,762 प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन के दूसरे चरण की काउंसलिंग 2 अगस्त से शुरू होगी, जो 13 अगस्त तक चलेगी। रिवाइज्ड शेड्यूल के मुताबिक 2 अगस्त और 4 अगस्त को कक्षा 6 से 8 के लिए काउंसलिंग होगी, जबकि 5 अगस्त को कक्षा 1 से 5 के शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग जिला मुख्यालय में होगी। वहीं, 7 अगस्त, 9 अगस्त और 10 अगस्त को प्रखंड नियोजन इकाइयों की काउंसलिंग जिला मुख्यालय में होगी. पंचायत नियोजन इकाइयों की 13 अगस्त को कक्षा 1 से 5 के लिए प्रखंड मुख्यालय में काउंसलिंग होगी।
बिहार के इस IAS से लोगों को इतना प्यार कि ट्रांसफर रोकने के लिए ट्विटर पर मुहिम चला दी
मंगलवार 27 जुलाई की शाम बिहार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ. 7 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया. इनमें सबसे अधिक चर्चा रही प्राथमिक शिक्षा निदेशक के रूप में काम कर रहे डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह के तबादले की. उनको अब पंचायती राज विभाग का डायरेक्टर बनाया गया है. कई लोग रंजीत कुमार सिंह के तबादले से खुश नहीं हैं. खबर है कि इसे रोकने के लिए तमाम शिक्षक और छात्र उठ खड़े हुए हैं. ट्विटर पर दनादन ट्वीट किए जा रहे हैं. वहीं, कई लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर रंजीत कुमार सिंह के मामले में ऐसा क्या है कि लोग उनका ट्रांसफर रोकने के लिए बकायदा मुहिम चला रहे हैं. चलिए बताते हैं.
डीपीओ खुद करेंगे जांच, वेतन स्थगित का दिया आदेश
जमुई। शिक्षा विभाग के स्थापना कार्यक्रम पदाधिकारी अश्वनी कुमार ने गलत प्रमाण पत्र पर नौकरी करने की शिक्षक पर लगे आरोप की जांच खुद करने का निर्णय लिया है। साथ ही आरोपित शिक्षक का वेतन तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का आदेश दिया है।
शिक्षक नियोजन चयन सूची 359 नाम शामिल
सीवान। हिन्दुस्तान संवाददाता
जिले में शिक्षक नियोजन के लिए विभिन्न चरणों में हुई काउंसलिंग के बाद शिक्षक नियोजन चयन सूची तैयार कर ली गई है। इसके तहत 19 प्रखंडों के 276 पंचायत नियोजन इकाईयों की काउंसलिंग के बाद 359 अभ्यर्थियों के नाम को
बिहार में एक IAS का ट्रांसफर Twitter पर कर रहा ट्रेंड, शिक्षक नियोजन के बीच तबादला को लेकर देखें रिएक्शन... By
बिहार सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करके नौ आइएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है. जिसमें एक अधिकारी का तबादला सोशल मीडिया पर चर्चे का विषय बना हुआ है. सरकार ने शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह का विभाग बदलकर अब उन्हें पंचायती राज का निदेशक बना दिया है. ट्वीटर पर इस तबादले के विरोध में आवाज उठ रहे हैं. बकायदा हैशटैग ट्रेंड कर रहा है.
पटनाः 400 नियोजन इकाइयों में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया रद्द, धांधली के बाद शिक्षा मंत्री ने दिया जांच का आदेश
पटनाः शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राज्य के 400 नियोजन इकाइयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी है. बिहार में प्रारंभिक स्कूलों के लिए 94 हजार पदों पर शिक्षकों की बहाली के लिए अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हो रही है. कई जिलों से लगातार काउंसिलिंग में शिकायत मिल रही थी. बताया जा रहा है कि कई जगह हंगामे के बाद वीडियो फुटेज खंगालकर यह कार्रवाई की गई है.
बिहार शिक्षक नियोजन : 400 पंचायत नियोजन इकाइयों में भी काउंसेलिंग स्थगित, नये सिरे से बनेगी मेधा सूची
पटना. प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए जिन 400 पंचायत नियोजन इकाइयों में काउंसेलिंग स्थगित की गयी थी, वहां की मेधा सूची भी रद्द कर दी गयी है. वहां अब नये सिरे से मेधा सूची बनेगी. इसके लिए वहां अगले राउंड में काउंसेलिंग करायी जायेगी.
बिहार शिक्षक बहाली: धांधली की शिकायत पर 50 नियोजन इकाइयों की काउसलिंग रद्द
मुजफ्फरपुर में प्राथमिक स्कूलों में होने वाली बहाली को लेकर 12 जुलाई को आयोजित काउसंलिंग में सोमवार को 50 नियोजन इकाई की काउसलिंग रद्द कर दी गई है। पहले के रद्द कई नियोजन इकाई की काउसंलिंग में कई को क्लीन चिट मिल गई है तो कई नए नियोजन इकाई पर कार्रवाई की गाज गिरी है।
खतरे में बिहार के 40 हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों की नौकरी, डॉक्यूमेंट अपलोड करने की आज आखिरी तारीख
पटना. बिहार के 40 हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों की नौकरी खतरे में जाती दिख रही है. बिहार में निगरानी जांच से छूटे हुए पंचायती राज और नगर निकाय के शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग के पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने की मंगलवार 20 जुलाई को आखिरी तिथि है, ऐसे में 40 हजार से ज्यादा शिक्षकों की धड़कनें तेज हो गई हैं.
बिहार में बहाली के इंतजार में शिक्षक | Bihar Teacher Vacancy 2020
बिहार में रोजगार एक अहम मुद्दा है. इसको लेकर सियासत हमेशा से गर्म रही है. सरकार रोजगार देने के तमाम दावे करती रही है. लेकिन प्रदेश में 8336 शारीरिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब तक बहाली नहीं हुई
बिहार शिक्षक नियोजन: चयनित अभ्यर्थियों के मेरिट अंक और नामों की सूची जारी, वेबसाइट पर कर सकेंगे चेक
छठे चरण में प्रथम चरण की काउंसेलिंग में चयनित 15836 अभ्यर्थियों की सूची प्रत्येक जिले की एनआइसी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गयी है. वेबसाइट पर नियोजन इकाई वार चयनित अभ्यर्थियों की सूची विषय वार और आरक्षण श्रेणी और मेधा अंक के साथ जारी की गयी है. एनआइसी वेबसाइट पर अभी केवल उन अभ्यर्थियों की सूची जारी की गयी है, जिनकी काउंसेलिंग पांच जुलाई से 12 जुलाई के बीच की गयी है.
Bihar में खाली हैं शारीरिक शिक्षकों के हजारों पद, HC के निर्देशों को सरकार कर रही है 'नजरअंदाज'
Patna: बिहार (Bihar) में शारीरिक शिक्षकों की बहाली का मुद्दा सुलग उठा है. लंबे समय से इस मामले में सरकार की ढिलाई पर हाईकोर्ट (HC) ने नाराजगी भी जताई है और जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है. दरअसल, बिहार में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती को लेकर विवाद लगभग 5 साल से चल रहा है. साल 2015 में केंद्र सरकार ने इसको लेकर एक नीति बनाई थी. इस नीति के तहत देश के सभी विद्यालयों में कम से कम एक-एक फिजिकल टीचर की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई. केंद्र सरकार की इस नीति को बिहार सरकार ने भी जल्द लागू करने का फैसला किया था.
Jobs and Career: बिहार में शारिरिक शिक्षकों को नियुक्तियों का इंतजार
बिहार में शारिरिक शिक्षकों (PT Teachers) की बहाली के मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है. दरअसल, कोर्ट (Court) के आदेश (Order) के बावजूद बिहार में अभी तक 8 हजार से अधिक फिजिकल टीचर्स की चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी बहाली नहीं हो पाई है. इसको लेकर अब तमाम राजनीतिक दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बिहार सरकार को केंद्र सरकार के नियम कानूनों का हवाला देकर तुरंत इन टीचर्स की बहाली की मांग की जा रही है.
बिहार के 9 हजार शिक्षकों की नौकरी जाना तय, वेतन भी वसूलेगी सरकार
Patna : बिहार के लगभग 9 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नौकरी जाना तय माना जा रहा है क्योंकि निगरानी जांच के लिए विभिन्न जिलों से 9644 शिक्षकों ने अभी तक सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किए हैं. आपको बता दें कि सरकार की तरफ से आदेश जारी किया गया था कि बिहार के सभी जिलों के सभी शिक्षकों को अपने सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड करने हैं जिनमें से 9644 शिक्षकों ने सर्टिफिकेट अपलोड अभी तक नहीं किए हैं ऐसे में इन शिक्षकों की नौकरी जाना लगभग तय हो गया है.
बिहार में शिक्षकों के लिए बड़ी खबर: हजारों टीचर्स की नौकरी खतरे में...दिया हुआ वेतन भी वसूलेगी सरकार, जानिए पूरा मामला
पटना
बिहार में हजारों शिक्षकों की नौकरी (Bihar Teachers Recruitment) कभी भी जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से पोर्टल पर टीचर्स को शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी जरूरी सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए कहा गया था। इसमें 21 जून से 20 जुलाई तक शिक्षकों को सर्टिफिकेट अपलोड करना था। हालांकि, अलग-अलग जिलों के करीब 8 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने विभाग के पोर्टल पर अपने सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किए हैं। ऐसे में सरकार अब इन टीचर्स पर कार्रवाई की तैयारी में हैं।हाईस्कूलों में शिक्षक के समानुपाति समायोजन की जरूरत
जिले के हाई स्कूलों में शिक्षकों के सामनुपातिक नियोजन की जरूरत है। अभी स्थिति यह है कि किसी हाई स्कूल में एक शिक्षक नहीं है तो किसी हाई स्कूल में एक विषय में कई शिक्षक पदस्थापित है। 62 पंचायतों में नये हाई स्कूल बन जाने से अब जिले में कुल 165 सरकारी हाई स्कूल हो गये है।
आइएएस-आइपीएस के बच्चों से जुड़ा ऐसा सवाल पटना हाईकोर्ट ने पूछा, पसीना पोंछ रहे बिहार के अधिकारी
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाई कोर्ट के एक सवाल ने बिहार में शिक्षा विभाग सहित तमाम बड़े अफसरों की परेशानी बढ़ा दी है। कोर्ट ने पूछा है कि राज्य में कितने आइएएस और आइपीएस के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं? इसकी सूची तैयार की जानी है। अधिकारियों के हाथ-पांव इसलिए फूल रहे हैं कि इससे सच्चाई सामने आ सकती है। मौजूदा स्थिति तो यह है कि सरकारी स्कूलों के ज्यादातर शिक्षक भी अपने बच्चों को उस स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं। ऐसे में आइएएस और आइपीएस क्या करते होंगे, इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है। बहरहाल सरकार यह सूची तैयार करने में जुट गई है।