मंगलवार 27 जुलाई की शाम बिहार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ. 7 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया. इनमें सबसे अधिक चर्चा रही प्राथमिक शिक्षा निदेशक के रूप में काम कर रहे डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह के तबादले की. उनको अब पंचायती राज विभाग का डायरेक्टर बनाया गया है. कई लोग रंजीत कुमार सिंह के तबादले से खुश नहीं हैं. खबर है कि इसे रोकने के लिए तमाम शिक्षक और छात्र उठ खड़े हुए हैं. ट्विटर पर दनादन ट्वीट किए जा रहे हैं. वहीं, कई लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर रंजीत कुमार सिंह के मामले में ऐसा क्या है कि लोग उनका ट्रांसफर रोकने के लिए बकायदा मुहिम चला रहे हैं. चलिए बताते हैं.
‘हमें रंजीत कुमार वापस चाहिए’
बिहार के पंचायती राज विभाग का निदेशक बनाए जाने से पहले रंजीत कुमार सिंह राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक थे. मीडिया में जैसे ही उनके तबादले की खबर आई, ट्विटर पर बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों और शिक्षकों ने रंजीत कुमार के पक्ष में अभियान चला दिया. अभियान का मकसद था रंजीत के तबादले को रोकना. इसके लिए एक हैशटैग #We_Want_RanjitKrIAS_ComeBack चलाया गया और हर ट्वीट के साथ इसे इस्तेमाल किया गया. ट्विटर पर कई यूजर्स बिहार के सीएम नीतीश कुमार को टैग करते हुए रंजीत सिंह को शिक्षा निदेशक के पद पर ही रहने देने की गुहार लगाने लगे. कुछ ट्वीट देखें.
#We_Want_RanjitKrIAS_ComeBack
Power Of A Real Officer and Honest Officer …
We want back Ranjit Sir @DirectorPrimaryEducationBihar pic.twitter.com/6tgAVp7H3M— Manish Kashyap (@MKashyap_19) July 27, 2021
सभी कोई सपोर्ट और शेयर कीजिए
मैं बिहार सरकार से मांग करता हूं कि रंजीत सिंह को दुबारा वही पद दिया जाए ,शिक्षा निदेशक मै बिहार कि ना होते हुए भी ,नीतीश सरकार से मेरा निवेदन है कि रंजीत सर को पुनः वही पद दिया जाए।@NitishKumar @RanjitIAS #We_Want_RanjitKrIAS_ComeBack pic.twitter.com/uZJBNvsFH0— jharkhandsocialmedia (@jharkhandsocia3) July 28, 2021
#We_Want_RanjitKrIAS_ComeBack बिहार सरकार से मेरा आग्रह है कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक डाँ० रंजीत कुमार सिंह जी को वर्तमान शिक्षक बहाली पूर्ण होने तक प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पद पर रहने दिया जाये। अतः इस महान कार्य के लिए हमसब शिक्षक अभ्यर्थी बिहार सरकार का आभारी रहेंगे।
— Mukesh Kumar Singh (@MukeshK99081779) July 28, 2021
सरकारी अधिकारियों का ट्रांसफर एक सामान्य और लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. इसी प्रक्रिया के तहत रंजीत कुमार सिंह का ट्रांसफर भी हुआ है. वे इस बात को समझ रहे थे कि उनके ट्रांसफर से काफी लोग दुखी हैं. लिहाजा उन्होंने फेसबुक पर दो शब्द लिखे- ‘बी पॉजिटिव, बी हैप्पी’. लेकिन इस पोस्ट के नीचे भी तमाम लोगों अपना दर्द बयान कर दिया और उनसे शिक्षा निदेशक बने रहने की गुहार लगाने लगे.
इतने पॉपुलर क्यों हैं रंजीत?
मीडिया रिपोर्टों में रंजीत की पॉपुलैरिटी के दो मुख्य कारण बताए गए हैं. पहला ये कि बतौर प्राथमिक शिक्षा निदेशक उन्होंने टीचर्स की बातें सुनीं. उनकी परेशानियों को समझा और उन्हें सुलझाने की हर संभव कोशिश की. दूसरा कारण ये कि उन्होंने “Mission 50” की स्थापना की. इसके जरिए रंजीत सिंह ने उन बच्चों को पढ़ाना शुरू किया जो UPSC की तैयारी तो करना चाहते थे, लेकिन उनके पास ना तो महंगी कोचिंग के लिए पैसा था और ना ही गाइडेंस. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि रंजीत अभी तक 1700 से अधिक बच्चों को आईएएस एग्जाम की ट्रेनिंग दे चुके हैं. ऐसा भी बताया गया है कि रंजीत सिंह के पढ़ाए काफी बच्चे अब सरकारी नौकरियों में हैं.
कौन हैं रंजीत कुमार सिंह?
रंजीत कुमार सिंह बिहार के वैशाली के रहने वाले हैं. उनके आईएएस बनने की अपनी एक कहानी है. प्रभातखबर की एक रिपोर्ट कहती है कि एक बार रंजीत कुमार के गांव में बाढ़ आई. हालात बेकाबू हो गए तो सभी लोग डीएम को ढूंढने लगे. तब रंजीत के दादा ने उनसे कहा कि जीवन में अगर कुछ बनना ही है तो डीएम बनो. रंजीत ने उनकी बात को ध्येय बना लिया और आईएएस बनकर दिखाया.
साल 2008 बैच के रंजीत को गुजरात कैडर मिला. नर्मदा जिले में पोस्टिंग के दौरान उन्हें गुजरात रत्न सम्मान दिया गया था. साल 2016 में उन्हें नेशनल सैनिटाइजेशन अवार्ड और साल 2017 में महात्मा गांधी क्लीननेस अवार्ड दिया गया. साल 2018 में वो बिहार आए जहां उन्हें सीतामढ़ी जिले का जिलाधिकारी बनाया गया. यहां रहते हुए उन्होंने सीतामढ़ी को बिहार का पहला ODF जिला यानी खुले में शौच से मुक्त जिला बना दिया. इसके लिए उन्हें साल 2018 में नेशनल सैनिटाइजेशन सर्वे अवार्ड मिला.
बाद में बिहार सरकार ने रंजीत को प्राथमिक शिक्षा निदेशक बना दिया. यहां उन्होंने शिक्षक भर्तियों को लेकर पारदर्शिता लाने का काम किया. उनके निदेशक रहते रुके हुए काम होने लगे. स्कूल ड्रॉपऑउट बच्चों को वापस लाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की. बतौर आईएएस रंजीत कुमार सिंह की लगन और कामों से लोग उनसे प्रभावित होने लगे, उन्हें अपना मानने लगे. यही कारण है कि जब उनके ट्रांसफर का फैसला सरकार ने किया तो काफी लोग भावुक हो गए और तबादला रोकने की अपील करने लगे.