बिहार के छपरा जिले के मढ़ौरा प्रखंड में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों की वेतन, एरियर और सेवा संबंधी समस्याओं का समाधान किया गया। इस शिक्षक दरबार में करीब 300 से अधिक शिक्षकों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराईं।
शिक्षक दरबार का उद्देश्य क्या था?
शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की वर्षों से लंबित समस्याओं को एक ही मंच पर सुनना और त्वरित निपटारा करना था। खासतौर पर वे शिक्षक जो लंबे समय से वेतन भुगतान न होने, सेवा पुस्तिका अपडेट न होने या पदस्थापन से जुड़ी समस्याओं से परेशान थे।
किन समस्याओं का हुआ समाधान?
शिक्षक दरबार में निम्न समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आईं:
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लंबित वेतन भुगतान
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एरियर से संबंधित विवाद
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सेवा पुस्तिका (Service Book) अपडेट
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पदस्थापन एवं स्थानांतरण से जुड़े मामले
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वेतन निर्धारण में त्रुटियां
कई मामलों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया, जबकि शेष मामलों को जल्द निपटाने का भरोसा दिया गया।
अधिकारियों की मौजूदगी से बढ़ा भरोसा
इस शिक्षक दरबार की अध्यक्षता जिला शिक्षा पदाधिकारी ने की। इसके साथ ही सभी संबंधित प्रखंडों के:
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प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी
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लेखापाल
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स्थापना से जुड़े अधिकारी
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डाटा ऑपरेटर
मौजूद रहे, जिससे शिक्षकों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।
शिक्षकों में दिखा संतोष
दरबार में पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि इस तरह के आयोजन से उनकी समस्याओं का समाधान तेजी और पारदर्शिता के साथ होता है। शिक्षकों ने मांग की कि ऐसे शिक्षक दरबार का आयोजन नियमित रूप से किया जाना चाहिए।
शिक्षा विभाग की सराहनीय पहल
शिक्षा विभाग की यह पहल शिक्षकों के हित में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे न केवल प्रशासन पर शिक्षकों का भरोसा बढ़ा है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।