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बिहार के शिवहर में शिक्षक पर छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप, DM ऑफिस पर छात्राओं का जोरदार प्रदर्शन

बिहार के शिवहर जिले से एक बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है। यहां एक सरकारी विद्यालय के शिक्षक पर छात्रा के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगने के बाद स्कूल की छात्राओं में भारी आक्रोश देखने को मिला। गुस्साई छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार करते हुए जिला मुख्यालय स्थित डीएम कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया।


क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, शिवहर जिले के एक बालिका उच्च विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं ने शिक्षक पर अनुचित व्यवहार और छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। आरोप सामने आने के बाद छात्राएं और उनके अभिभावक सड़कों पर उतर आए और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

छात्राओं का कहना है कि संबंधित शिक्षक लंबे समय से गलत व्यवहार कर रहा था, लेकिन शिकायत के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


परीक्षा का किया बहिष्कार

घटना से नाराज छात्राओं ने अपनी चल रही परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में छात्राएं समाहरणालय (DM ऑफिस) पहुंचीं और आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गईं।

छात्राओं ने साफ कहा कि जब तक आरोपी पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे परीक्षा नहीं देंगी।


प्रशासन पर उठे सवाल

इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रदर्शन कर रही छात्राओं का आरोप है कि शिकायत के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

हालांकि प्रशासन की ओर से मामले की जांच का आश्वासन दिया गया है और पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।


आरोपी शिक्षक फरार होने की चर्चा

प्रदर्शन के दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि घटना सामने आने के बाद आरोपी शिक्षक फरार है। छात्राएं और अभिभावक उसकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


छात्राओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

यह घटना एक बार फिर स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। शिक्षण संस्थानों में ऐसे मामलों का सामने आना समाज और प्रशासन दोनों के लिए चिंता का विषय है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में त्वरित जांच और सख्त कार्रवाई ही भरोसा बहाल कर सकती है।


निष्कर्ष

शिवहर का यह मामला न केवल शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अब छात्राएं अपने अधिकारों को लेकर आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हट रही हैं। उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में जल्द और सख्त कदम उठाएगा।

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