भागलपुर [किशोर झा]। दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के फर्जी प्रमाण पत्र तथा फर्जी प्रमाण पत्रों के बल पर बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षकों की सालों से चल रही नौकरी ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार किया है।
दूसरे प्रदेशों में पहले से ही बिहार की शिक्षा व्यवस्था व प्रमाण पत्रों को अधिक सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है। ऐसी घटनाएं उसकी साख को और ज्यादा प्रभावित करेगी। इस स्थिति के लिए सिर्फ प्रमाण पत्र हासिल करने वालों को ही दोषी नहीं कहा जा सकता है।