भुखमरी के कगार पर पहुंचे नियोजित शिक्षक
आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास वाली कहावत इन दिनों बिहार के नियोजित शिक्षकों पर सच साबित हो रहा है। क्योंकि बेरोजगारी के दंश से तंग आकर नियोजित शिक्षक की नौकरी करना कबूल किया, किन्तु बिहार के सभी जिलों व प्रखंड मुख्यालयों के लालफीताशाही अधिकारियों की करतूत से नियोजित शिक्षक इन दिनों भुखमरी के कगार पर है। प्राप्त समाचार के अनुसार नियोजित शिक्षकों के मानदेय का भुगतान पांच माह से नहीं किया गया है।
जिसके कारण ये शिक्षक बदहाली के जीवन जी रहे हैं। एक तो नियोजित शिक्षक अल्प मानदेय भोगी हैं। उपर से कमर तोड़ देने वाली महंगाई भी है। किन्तु इन्हें पांच माह से मानदेय का भुगतान नहीं होने से इनके परिवार में भुखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है। जिसकी कल्पना इन्होंने कभी नहीं की थी। किन्तु अधिकारी महोदय को इनके मानदेय भुगतान की चिंता नहीं है। वे सिर्फ अपना ही सोचते हैं। इस हाल में इन शिक्षकों से बेहतर शिक्षा की आशा कैसे की जा सकती है। जब वे बाल बच्चों समेत रातभर भूखे सोने पर मजबूर हो रहे हैं। और अधिकारी चैन की वंशी बजा रहे हैं।सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details