Random-Post

निगरानी जांच से अपने को बचाने में लगे मुखिया व सचिव : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

सीवान : हाइकोर्ट के निर्देश पर नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच ने फर्जी शिक्षकों समेत नियोजन इकाई के सदस्यों की नींद खराब कर दी है, लेकिन पूर्व के शिक्षक नियोजन में वर्ष 2006 तथा 2008 के नियोजन संबंधी अभिलेख मांगे जाने से नियोजित शिक्षक खासे परेशान हैं. नियोजन इकाई को  मूल अभिलेख के कई कागजात नहीं मिल रहे है. वे गायब हैं या उन्हें जान-बूझ कर गायब किया गया है. सबसे विकट स्थिति तो वर्ष 2003 व 2005 में नियोजित शिक्षामित्र की बहाली की है.

तत्कालीन मुखिया व पंचायत सचिव में से कई दिवंगत हो गये हैं. कुछ मुखिया अपने पद पर नहीं है. वहीं तत्कालीन पंचायत सचिव का स्थानांतरण हो गया है या वे सेवानिवृत्त हो चुके है. ऐसे में तब के बहाल शिक्षामित्र और वर्तमान के नियोजित शिक्षक खासे परेशान हैं. सूत्रों की मानें तो मनमाने ढंग से नियोजन इकाई के वर्तमान सदस्य इन शिक्षामित्रों का नये सिरे से आवेदन लेकर हर तरह का नया रिकॉर्ड तैयार कर रहे हैं.
नियोजित शिक्षक तत्कालीन शिक्षामित्र की बहाली का आवेदन प्रपत्र विभिन्न फॉर्म विक्रेताओं के पास तलाश रहे हैं. बाजार में गुप्त तरीके से इनके फॉर्मो की बिक्री दो से तीन सौ रुपये में हो रही है. कुछ शिक्षामित्र नया फॉर्म इसलिए भी भर रहे हैं, क्योंकि तत्कालीन आवेदन में उन्होंने अपने अंक बढ़ा-चढ़ा कर पेश किये थे. नियोजन इकाई के सदस्य भी चढ़ावा लेकर इनकी मदद कर रहे हैं. मेधा सूची भी नये सिरे से तैयार की जा रही है. 
वहीं नियोजन से वंचित आवेदक यह भी कह रहे हैं कि निगरानी विभाग पहले के कागजात व स्याही की पहचान एक झटके में कर लेगा, और फर्जीबाड़ा करने वाले निगरानी विभाग के शिकंजे में फंस जायेंगे.

सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details

Recent Articles