भागलपुर ' वरीय संवाददाता जिले में चार वर्षीय बीएड की पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी। इसे शुरू होने से न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षक निकलते हैं, बल्कि छात्रों की पढ़ाई में एक साल की बचत भी होती है। भागलपुर में 15 कॉलेजों में बीएड की पढ़ाई होती है, लेकिन सभी जगहों पर दो वर्षीय बीएड की पढ़ाई होती है। दो कालेजों में एमएड की पढ़ाई भी शुरू हो गई है।
लेकिन कहीं भी अभी तक चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड की पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी है। यह पढ़ाई इंटरमीडिएट के बाद ही शुरू हो जाती है। इसमें स्नातक की डिग्री के साथ बीएड की भी डिग्री मिलती है। अभी तक बिहार में मात्र बिहार विश्वविद्यालय के दो कालेज में ही यह पढ़ाई शुरू हो पाई है।
विकल्प के रूप में देखते हैं दो वर्षीय बीएड:
शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि शिक्षक प्रोफेशन को शुरू से अपनाने की इच्छा रखने वालों के लिए यह बेहतरीन कोर्स है। क्योंकि अभी जब किसी की कहीं नहीं नौकरी लगती है तो बीएड कर शिक्षक के लिए प्रयास करते हैं। लेकिन शिक्षक जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए गैर इच्छुक या इसे विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने से बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल सकती है। इसलिए इसमें अच्छे शिक्षक की जरूरत होती है जो इस चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स से मिल सकते हैं।
इंटरमीडिएट से ही मिलती है विशेषज्ञता:
उन्होंने कहा कि सभी प्रोफेशन जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट, फैशन डिजायनिंग आदि की पढ़ाई इंटरमीडिएट के बाद से ही शुरू हो जाती है। क्योंकि इसमें बच्चे दसवीं के बाद से ही अपने प्रोफेशन का क्षेत्र तय कर लिए रहते हैं। इसी तरह शिक्षण को भी पहले से तय कर लेने में इसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षक मिलेंगे। डॉ. राकेश ने कहा कि चार वर्ष तक बीएड की पढ़ाई करने से शिक्षक गुणवत्ता में भी वृद्धि हो सकती है। ऐसे शिक्षकों में तीन गुर पहला शिक्षण कौशल, दूसरा दार्शनिक एवं सामाजिक सिद्धांत और तीसरा पेशेवर विकास हो जाता है। इसके साथ ही चार साल वाले कोर्स में शिक्षक कैसे पढ़ाएं और क्या पढ़ाएं की काफी अच्छी जानकारी मिल जाती है।
इसके लिए बढ़ाने होंगे काफी संसाधन
जानकारी हो कि इसके लिए कालेजों को एनसीटीई क्षेत्रीय कार्यालय में आवेदन करना होता है। लेकिन भागलपुर से किसी कॉलेज ने आवेदन नहीं किया। डॉ. राकेश ने कहा कि इसके लिए उसमें हरेक स्ट्रीम के शिक्षक चाहिए। शिक्षक सहित संसाधन बढ़ाने होंगे। लेकिन सरकारी विभाग में शिक्षक नियुक्ति की काफी लंबी प्रक्रिया है। इसलिए उसमें कई साल हो जाते हैं। इसलिए आवेदन नहीं किया।