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फोल्डर जमा कराने के नाम पर फर्जी शिक्षकों को बचा रहा है शिक्षा विभाग

 बेगूसराय। निज प्रतिनिधि

फोल्डर जमा करना नियोजन इकाई का काम है। बेवजह शिक्षकों को बदनाम किया जा रहा है। बगैर शिक्षकों का पक्ष जाने शिक्षा विभाग के द्वारा सूची सार्वजनिक करना अनुचित है। विभागीय अधिकारी व नियोजन इकाई ही है पूरे खेल का मास्टरमाइंड है। सही शिक्षकों को विभागीय लापरवाही व नियोजन ईकाई के अराजकता का शिकार बनाना बंद नहीं हुआ तो टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट चुप नहीं बैठेगा। विभाग के

खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। ये बातें गोपगुट के जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है। साथ ही विभागीय सचिव, जिलाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

जिलाधयक्ष ने कहा है कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 11 मई व 19 मई 2021 को निगरानी को फोल्डर सुपूर्द नहीं करनेवाले शिक्षकों की सूची मांगी गई थी व उनके प्रमाणपत्रों को वेबसाइट पर अपलोड करवाने का निदेश दिया गया था। लेकिन शिक्षा विभाग के द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंडों के संबंधित शिक्षकों की सूची प्राथमिक शिक्षा निदेशक को भेजी गई। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

नियोजन ईकाईयां अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए दाबे बैठे हैं फोल्डर्स

जिलाध्यक्ष ने कहा कि विभाग विधि विरुद्ध ढ़ंग से शिक्षकों को प्रताड़ित करने व उनके शोषण दोहन की साजिश कर रहा है। फोल्डर जमा नहीं करने के लिए दोषी नियोजन इकाईयों पर कारवाई होनी चाहिए। नियोजन के समय व उसके बाद भी कई दफे शिक्षक अपना फोल्डर जमा कर चुके हैं। नियोजन ईकाईयां अपने भ्रष्टाचार व अराजकता को छुपाने के लिए फोल्डर्स दाबे हुए हैं। चंद फर्जियों को बचाने के लिए बहुतेरे सही शिक्षकों को बदनाम किया जा रहा है। बगैर शिक्षकों का पक्ष जाने सूची सार्वजनिक करना अनुचित व विधिविरुद्ध है। यह सही शिक्षकों के मर्यादा पर चोट है। कायदे से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कारवाई हो व विभाग निर्दोष शिक्षकों को बदनाम करना बंद करे।

फर्जी शिक्षकों को बचाने के लिए सही टीचरों को शोषण का खेल हो बंद

जिला उपाध्यक्ष नितेश रंजन व जिला सचिव सचिन्दर प्रसाद सिंह ने कहा कि फर्जी शिक्षकों को बचाने के लिए सही शिक्षकों को प्रताड़ित करना शर्मनाक है। विभागीय अधिकारियों को और नियोजन ईकाइयों को फर्जियों की समस्त जानकारी है। लेकिन वे फर्जी शिक्षकों को बचाने के लिए विधिविरुद्ध ढ़ंग से नियोजन ईकाई को बायपास करते हुए वास्तविक शिक्षकों को भी परेशान कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र में जिन शिक्षकों का जिक्र है उनमें से अधिकांश शिक्षकों ने कई दफे अपना प्रमाणपत्र व कागजात विभाग और नियोजन ईकाई को सौंपा है। अब अगर नियोजन ईकाई और प्रखंड संसाधन केंद्र उन्हें निगरानी को नही सौंप रही तो शिक्षक कैसे दोषी हो गये।

शिक्षकों के अपमान के बदले नियोजन इकाई पर कार्रवाई करे विभाग

प्रदेश मिडिया प्रभारी राहुल विकास व जिला संयोजक सरोज कुमार सिंह ने कहा कि ओरिजनल शिक्षकों को विभागीय लापरवाही और नियोजन ईकाई के अराजकता का शिकार बनाना अविलंब बंद हो अन्यथा की स्थिति में संगठन चुप नहीं बैठेगी। विभाग को शिक्षकों के मान मर्यादा पर हमले करने के बजाय नियोजन ईकाईयों पर कारवाई करनी चाहिए। इस मसले पर अगर विभाग ने अपना रवैया नही बदला तो संगठन जल्द ही इस मसले पर बैठक आयोजित कर आंदोलन की रणनीति बनायेगी।

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