बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के करीब 90 हजार पदों पर भर्तियां
होनी हैं. दरअसल, कोर्ट में चल रहे कई लंबित मामलों की वजह से यह भर्तियां
अधर में लटकी हुई हैं, लेकिन अब इन भर्तियों के लिए इंतजार अब खत्म होने
वाला है. अगले माह तक कोर्ट से क्लियरेंस मिलने की संभावना है. अगर कोर्ट
का आदेश भर्तियों के पक्ष में आ जाता है, तो शिक्षा विभाग इन अभ्यर्थियों
को तुरंत नियुक्ति पत्र दे देगा.
कुल 90 हजार भर्तियां
बिहार के सरकारी स्कूलों में कुल 90 हजार भर्तियां होनी
हैं. इसमें माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में 30 हजार तो मध्य में करीब 60 हजार
शिक्षकों की नियुक्तियां होनी हैं. सरकार ने
जुलाई 2019 में करीब सवा लाख शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी. इसके
तहत प्रारंभिक स्कूलों में रिक्त 94 हजार और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक
स्कूलों के शिक्षकों के 30 हजार 20 पदों पर नियोजन शुरू हुआ था. कई बार
विभाग ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया, लेकिन अभ्यर्थियों की विभिन्न
आपत्तियों के कारण मामला कोर्ट में चला गया और इन मामलों में कोर्ट के
निर्देश की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया लंबी खिंचती चली गई. अब प्रारंभिक
स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता लगभग साफ हो चुका है. कोर्ट के
आदेश के अनुसार पहली से पांचवी कक्षा के करीब 35 हजार शिक्षकों की
नियुक्ति डीईएलएड और बीएड अभ्यर्थियों की संयुक्त मेरिट लिस्ट के आधार पर
होगी. विभाग ने इसको लेकर आदेश दिया था. कोर्ट के आदेशानुसार पहली से
पांचवीं कक्षा तक के शिक्षकों की बहाली के लिए डीईएलएड और बीएड योग्यता
रखने वाले अभ्यर्थियों की संयुक्त मेरिट लिस्ट सभी जिलों की वेबसाइट पर
अपलोड होनी थी. इसी तरह प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने कक्षा 6 से आठ तक के
शिक्षक अभ्यर्थियों की अंतिम सूची भी जिलों की एनआइसी की वेबसाइट पर 28
नवंबर तक ही अपलोड करने के आदेश दिए थे, हालांकि मध्य विधालयों में
शिक्षकों की नियुक्ति पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है. अभी कोर्ट का आदेश आने
के बाद ही कक्षा 6 से आठ तक के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
दिसंबर में इस मामले पर सुनवाई होनी है.