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Effect of Lockdown : जानिए, लॉकडाउन के 'सताए' हुए शिक्षक कैसे कर रहे परिवार का पालन-पोषण

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Lockdown के दौरान जिले के 20 फीसद निजी स्कूल व कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन निजी स्कूल के संचालक वेतन देने में खुद को अक्षम बता रहे। स्कूल से पेमेंट बंद होने से शिक्षक व कर्मी कर्ज लेकर काम चला रहे हैं। जिनके वेतन बंद हैं, वे नौकरी जाने के डर से जुबान खोलने को भी तैयार नहीं होते। लेकिन दबी जुबान से वेतन नहीं मिलने की बात को स्वीकार रहे हैं।

कई संस्थान आधा वेतन दे रहे
70 फीसद ऐसे निजी स्कूल हैं जिनके संचालक अपने शिक्षक एवं कर्मियों को या तो आधा वेतन दे रहे हैं या फिर उनको किराना दुकान से खाने-पीने के सामान दिलवा दे रहे हैं, ताकि लॉकडाउन के दौरान उनके परिवार व बच्चों का भरण-पोषण हो सके। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेंस वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष व मिठनपुरा किडजी के संचालक शेखर कुमार ने बताया कि राज्य में करीब 25 लाख निजी स्कूल व कोचिंग में शिक्षक बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं, जिससे उनकी जीवन की नैया चल रही है।

जिले में 2000 निजी स्कूल व कोचिंग संस्थान

मुजफ्फरपुर जिले में करीब 2000 निजी स्कूल व कोचिंग संस्थान हैं। इनमें करीब 50 हजार शिक्षक बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। जिले में 30 फीसद ही ऐसे निजी स्कूल व कोचिंग संस्थान हैं, जो अपने शिक्षक व कर्मियों को पूरा वेतन दे रहे हैं। जिले में कुछ बड़े स्कूल कहलाने वाले संचालक भी अपने कर्मियों को आधा वेतन दे रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों के स्वजनों द्वारा दो महीने से फी नहीं दिया गया। इसको लेकर आधा वेतन देना पड़ रहा है। ऐसे में उन्होंने छात्र- छात्राओं के अभिभावकों से अपील की है कि वे फीस देने की पहल करें ताकि शिक्षकों व स्कूल के अन्य कर्मियों को सुचारू रूप से वेतन दिया जा सके।  

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