भागलपुर : भागलपुर में फर्जी शिक्षकों की बहाली के चल रहे रैकेट की
जांच होगी. जिला शिक्षा पदाधिकारी फूल बाबू चौधरी ने गोराडीह प्रखंड में
अनियमित शिक्षकों के नियोजन के जांच के आदेश दिये हैं. डीपीओ माध्यमिक
शिक्षा नीलिमा कुमारी से प्रखंड के ऐसे सभी मामलों पर विस्तृत स्थलीय जांच
कर तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है. प्रभात खबर ने गुरुवार के अंक में
फर्जी शिक्षक बहाली रैकेट का समाचार प्रकाशित किया था. इसके बाद शिक्षा
विभाग ने इसका संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया है.
क्या है मामला : गोराडीह प्रखंड में 21 नियोजित शिक्षकों की बहाली
बिना किसी विभागीय अनुमति से की गयी है. प्रधानाध्यापक पर दबाव बना कर सात
शिक्षकों को स्कूलों में योगदान भी करवाया गया. फर्जी होने के कारण वेतन का
भुगतान रोक दिया गया. हाल के दिनों में 14 और शिक्षकों की फर्जी बहाली कर
ली गयी. गोराडीह प्रखंड के तीन पंचायतों में बहाली हुई है. अगरपुर पंचायत
में सात, मुरहन जमीन में छह और नदियामा में सात शिक्षकों की बहाली की गयी
है.
मुखिया का दावा, नियुक्ति वैध
नदियामा के मुखिया ने प्रभात खबर को प्रेस वक्तव्य जारी कर सूचित
किया है कि पंचायत शिक्षकों का नियोजन सही है. यह नियोजन प्राथमिक शिक्षा
निदेशक बिहार के पत्रांक तथा दिये गये आवेदन के आधार पर किया गया है. 31
अगस्त 2017 को नियोजन की प्रक्रिया की सूची कार्यालय प्राथमिक शिक्षा
निदेशक पटना को दी गयी थी. इस सूची के आधार पर नियोजन सभी प्रक्रिया सहमति
कराते हुए नियोजन पत्र दिये गये हैं. इधर योगदान देने वाले सात शिक्षकों
ने इंसाफ के लिए अदालत का भी दरवाजा खटखटाया है.
नियोजित शिक्षकों को योगदान नहीं कराने का निर्देश
शिक्षा विभाग को कई प्रखंडों से सूचना आ रही है कि कई पंचायत में बिना
किसी विभागीय आदेश के बिना शिक्षकों की रिक्ति नहीं उपलब्ध रहने के बावजूद
भी नियोजन कर लिया जाता है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा योगदान
स्वीकृत किया जा रहा है. डीइओ ने इस संबंध में सभी प्राथमिक व मध्य
विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को आदेश दिया है कि आदेश मिलने के बाद ही
नियोजित शिक्षकों को योगदान कराया जाये. अनुमति के बिना योगदान कराने पर
संबंधित प्रधानाध्यापक का वेतन कटेगा. अनुशासनात्मक व कानूनी कार्रवाई भी
की जायेगी.