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एमयू की सत्र 2018-19 की परीक्षा से वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी

जागरण संवाददाता, पटना : मगध विश्वविद्यालय (एमयू) में अगले सत्र से स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) के सिलेबस और प्रश्नपत्र के पैटर्न में बड़े स्तर पर बदलाव दिखेंगे। दीर्घउत्तरीय 10-15 प्रश्नों के नोट्स से अब यूजी-पीजी की नैया पार नहीं लगने वाली है।
पेपर में अब दीर्घउत्तरीय प्रश्नों के साथ-साथ वस्तुनिष्ठ और लघुउत्तरीय प्रश्नों के भी जवाब देने होंगे। एमयू प्रशासन 2019 की परीक्षाओं में इसे लागू करेगा। कुलपति प्रो. कमर अहसन के अनुसार सिलेबस अब रोजगार दिलाने वाला होगा। इसके साथ ही प्रश्नपत्रों के पैटर्न प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप होंगे ताकि कोर्स पूरा करने वाले विद्यार्थी को रोजगार प्राप्त करने में सहूलियत हो। सभी विषयों के सिलेबस अपडेट करने के लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) का गठन नवंबर में होगा। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों और प्राचार्यो से सिलेबस बदलाव में रुचि रखने वाले वरीय शिक्षकों की सूची विषयवार मांगी गई है। 15 नवंबर तक सूची उपलब्ध होते ही 'बोर्ड ऑफ स्टडीज' (बीओएस) का गठन शुरू कर दिया जाएगा। फरवरी अंत या मार्च पहले पखवारे में नए सिलेबस और प्रश्नपत्र का प्रारूप तैयार हो जाएगा। विश्वविद्यालय का 2018-19 का सत्र नए सिलेबस के अनुसार होगा।
बीओएस में होंगे नामचीन विश्वविद्यालयों के शिक्षक :
एमयू के बोर्ड ऑफ स्टडीज में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), बनारस ¨हदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), पटना विश्वविद्यालय सहित कई नामचीन विश्वविद्यालयों के सीनियर प्रोफेसर सदस्य होंगे। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने प्रत्येक विषय में तीन दूसरे विश्वविद्यालय के वरीय प्रोफेसरों का नाम विभागाध्यक्षों से मांगा है। कुलपति ने बताया कि इनमें उन विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों को तरजीह दी जाएगी जो पिछले कुछ वर्षो में सिलेबस अपडेट में भागीदार रहे हों। दूसरे विश्वविद्यालयों में किए जा रहे अच्छे कार्यो की रिपोर्ट का भी अध्ययन किया जा रहा है।
साल में दो या तीन बार होगा इंटरनल एग्जाम :
कुलपति के अनुसार सभी अंकों (शत-प्रतिशत) की परीक्षा साल में एक बार लेने से छात्रों को कोर्स पूरा करने में परेशानी होती है। यूजी और पीजी दोनों में साल में दो या तीन बार 05 या 10 अंक की इंटरनल एग्जाम की व्यवस्था की जाएगी। 20 से 30 नंबर क्लासवर्क के आधार पर दिए जाएंगे। नए पैटर्न में शिक्षकों को अधिक मेहनत करनी होगी। इसके लिए उन्हें नियमित ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही है। कई शिक्षक पूर्व में भी विभिन्न विश्वविद्यालयों में नए पैटर्न की जानकारी के लिए जा चुके हैं।
सिलेबस पर विद्यार्थियों से भी ली जा रही सलाह :
सिलेबस अपडेट करने में विद्यार्थियों की अहम भागीदारी होगी। कुलपति ने बताया कि सिलेबस अपडेट करने के लिए छात्रों से विचार मांगे गए हैं। 100 से अधिक विद्यार्थियों ने वर्तमान सिलेबस की खामियों और बाजार की जरूरत के अनुसार बदलाव के लिए सुझाव दिए हैं। सभी विषय के वर्तमान और पूर्व विद्यार्थियों से सुझाव मांगे जा रहे हैं।
आइआइएम का भी लिया जाएगा सहयोग :
विश्वविद्यालय परिसर में भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया (आइआइएम) है। कुलपति के अनुसार रोजगारपरक सिलेबस तैयार करने में आइआइएम के शिक्षकों और छात्रों का भी सहयोग लिया जाएगा। छात्रों के लिए परीक्षा बोझ नहीं बने इसके लिए आइआइएम के विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है।
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स्नातक और परास्नातक विषयों का सिलेबस रोजगारपरक बनाया जाएगा। इसके अनुसार प्रश्नपत्र और परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। वर्ष 2018 में अपडेट सिलेबस से पढ़ाई होगी।

- प्रो. कमर अहसन, कुलपति, मगध विश्वविद्यालय

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