पूर्णिया। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की जिला इकाई ने लंबित वेतन
भुगतान समेत अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को थाना चौक पर धरना दिया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ भेदभाव और सौतेलेपन का व्यवहार अपना रही है। सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार शिक्षकों को समान काम का समान वेतन देने के बजाय तरह-तरह की भ्रांतियां फैलाकर न्यायालय व संविधान का उल्लंघन कर रही है। सरकार की शिक्षक एवं शिक्षा विरोधी नीतियों से शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शिक्षकों की समस्या को नजरंदाज कर बेहतर शिक्षा की परिकल्पना संभव नहीं है। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष सह कोषाध्यक्ष अनवार करीम ने शिक्षकों के लिए पेंशन स्कीम को नियमित रूप से लागू करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में तृतीय दक्षता अनुत्तीर्ण शिक्षकों को सेवा से हटाए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की। जिलाध्यक्ष पवन कुमार जायसवाल ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को किसी भी पर्व त्योहार में समय पर वेतन नहीं मिलता है। शिक्षक पिछले छह महीने से वेतन से वंचित हैं। धरना के माध्यम से शिक्षकों ने समान काम का समान वेतन देने, प्रतिमाह वेतन भुगतान सुनिश्चित करने, बच्चों को पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध कराने, सेवाशर्त लागू करने, सातवां वेतन निर्धारण कर पुनरीक्षित वेतन देने, प्रशिक्षणरत प्रशिक्षु की सभी परीक्षा सत्रानुसार ससमय आयोजित करने, अनुकंपा बहाली के पेंच को दूर कर आश्रितों को उचित लाभ देने, स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों को स्नातक ग्रेड के शिक्षकों में समायोजन समेत अन्य मांगों की पूर्ति की मांग की। धरना स्थल पर मुख्य रूप से जिला कोषाध्यक्ष धनानंद मंडल, जिला प्रधान सचिव अबरार आलम, जिला उपाध्यक्ष गणेश यादव, मीडिया प्रभारी दीपक ¨सह भदोरिया, सचिव राजाराम पासवान, विकास यदुवंशी, प्रमोद विश्वास, सरवर आलम, गौतम कुमार, राजीव रंजन भारती आदि मौजूद थे।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ भेदभाव और सौतेलेपन का व्यवहार अपना रही है। सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार शिक्षकों को समान काम का समान वेतन देने के बजाय तरह-तरह की भ्रांतियां फैलाकर न्यायालय व संविधान का उल्लंघन कर रही है। सरकार की शिक्षक एवं शिक्षा विरोधी नीतियों से शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शिक्षकों की समस्या को नजरंदाज कर बेहतर शिक्षा की परिकल्पना संभव नहीं है। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष सह कोषाध्यक्ष अनवार करीम ने शिक्षकों के लिए पेंशन स्कीम को नियमित रूप से लागू करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में तृतीय दक्षता अनुत्तीर्ण शिक्षकों को सेवा से हटाए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की। जिलाध्यक्ष पवन कुमार जायसवाल ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को किसी भी पर्व त्योहार में समय पर वेतन नहीं मिलता है। शिक्षक पिछले छह महीने से वेतन से वंचित हैं। धरना के माध्यम से शिक्षकों ने समान काम का समान वेतन देने, प्रतिमाह वेतन भुगतान सुनिश्चित करने, बच्चों को पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध कराने, सेवाशर्त लागू करने, सातवां वेतन निर्धारण कर पुनरीक्षित वेतन देने, प्रशिक्षणरत प्रशिक्षु की सभी परीक्षा सत्रानुसार ससमय आयोजित करने, अनुकंपा बहाली के पेंच को दूर कर आश्रितों को उचित लाभ देने, स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों को स्नातक ग्रेड के शिक्षकों में समायोजन समेत अन्य मांगों की पूर्ति की मांग की। धरना स्थल पर मुख्य रूप से जिला कोषाध्यक्ष धनानंद मंडल, जिला प्रधान सचिव अबरार आलम, जिला उपाध्यक्ष गणेश यादव, मीडिया प्रभारी दीपक ¨सह भदोरिया, सचिव राजाराम पासवान, विकास यदुवंशी, प्रमोद विश्वास, सरवर आलम, गौतम कुमार, राजीव रंजन भारती आदि मौजूद थे।