बेतिया। लौरिया प्रखंड मुख्यालय स्थित अशोक स्तंभ परिसर का गेट वर्षों से
टूटा पड़ा था, जिसे लौरिया बालक मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक हाजी
मोहम्मद जहीर ने अपने वेतन के पैसे लगाए हैं।
प्रधानाध्यापक जहीर ने यह सराहनीय कार्य 7 नवंबर को दैनिक जागरण में बुद्ध की धरती पर शर्म से झुक जाता है सिर शीर्षक से छपी खबर से उद्वेलित होकर किया है। उक्त खबर में उक्त टूटे गेट की भी चर्चा की गई थी। उन्होंने समाचार से प्रभावित होकर आनन फानन में अपने वेतन के पैसे से एक लोहे का गेट बनवाया और इसे परिसर में लगवा दिया। उनके इस कार्य की सर्वत्र सराहना हो रही है। बीडीओ चंदन प्रसाद ने बताया कि जहीर साहब हमेशा ही सामाजिक सरोकार के कार्यो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। प्रधानाध्यापक मोहम्मद जहीर इस कार्य के अलावा भी कई सराहनीय कार्य पूर्व में ही किए हैं। जिसको लेकर इस वर्ष बिहार सरकार ने बेस्ट शिक्षक के अवार्ड से नवाजा उन्हें है। इतना ही नहीं प्रधानाध्यापक हाजी महम्मद जहीर अशोक स्तंभ परिसर को सफाई के लिए छह माह पहले ही गोद ले रखा है। हर महीने के पन्द्रह तारीख को छुट्टी होने पर उसके अगले दिन परिसर में कुछ छात्रों के साथ पहुंच जाते हैं और परिसर की विधिवत सफाई करते हैं। उन्होंने यहां बोर्ड लगवाने के लिए बनवाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। बता दें कि लौरिया का अशोक स्तंभ एवं यहां के बौद्ध स्तूप को देखने बड़ी संख्या में देश विदेश के पर्यटक आते रहते हैं। लेकिन यहां की व्यवस्था, साफ सफाई का अभाव एवं उनके लिए ठहरने के लिए कोई अतिथि गृह का निर्माण नहीं कराया जाना एक बड़ी कमी को बताता है। ऐसे पर्यटक मन ही मन यहां की व्यवस्था पर टिप्पणी कर जाते हैं। लेकिन मोहम्मद जहीर जैसे सख्सियत ने उनके इस भावना का मान रखा है।
प्रधानाध्यापक जहीर ने यह सराहनीय कार्य 7 नवंबर को दैनिक जागरण में बुद्ध की धरती पर शर्म से झुक जाता है सिर शीर्षक से छपी खबर से उद्वेलित होकर किया है। उक्त खबर में उक्त टूटे गेट की भी चर्चा की गई थी। उन्होंने समाचार से प्रभावित होकर आनन फानन में अपने वेतन के पैसे से एक लोहे का गेट बनवाया और इसे परिसर में लगवा दिया। उनके इस कार्य की सर्वत्र सराहना हो रही है। बीडीओ चंदन प्रसाद ने बताया कि जहीर साहब हमेशा ही सामाजिक सरोकार के कार्यो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। प्रधानाध्यापक मोहम्मद जहीर इस कार्य के अलावा भी कई सराहनीय कार्य पूर्व में ही किए हैं। जिसको लेकर इस वर्ष बिहार सरकार ने बेस्ट शिक्षक के अवार्ड से नवाजा उन्हें है। इतना ही नहीं प्रधानाध्यापक हाजी महम्मद जहीर अशोक स्तंभ परिसर को सफाई के लिए छह माह पहले ही गोद ले रखा है। हर महीने के पन्द्रह तारीख को छुट्टी होने पर उसके अगले दिन परिसर में कुछ छात्रों के साथ पहुंच जाते हैं और परिसर की विधिवत सफाई करते हैं। उन्होंने यहां बोर्ड लगवाने के लिए बनवाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। बता दें कि लौरिया का अशोक स्तंभ एवं यहां के बौद्ध स्तूप को देखने बड़ी संख्या में देश विदेश के पर्यटक आते रहते हैं। लेकिन यहां की व्यवस्था, साफ सफाई का अभाव एवं उनके लिए ठहरने के लिए कोई अतिथि गृह का निर्माण नहीं कराया जाना एक बड़ी कमी को बताता है। ऐसे पर्यटक मन ही मन यहां की व्यवस्था पर टिप्पणी कर जाते हैं। लेकिन मोहम्मद जहीर जैसे सख्सियत ने उनके इस भावना का मान रखा है।