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बिहार के 3.3 लाख नियोजित शिक्षकों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

पटना। उच्च न्यायालय के 'समान कार्य के लिए समान वेतन' दिए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए नीतीश सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के फैसले से क्षुब्ध 3.3 लाख नियोजित शिक्षकों ने आगामी एक फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।

दरअसल, विगत 31 अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने का फैसला सुनाया है। जानकारी के मुताबिक अदालत के फैसले से नीतीश सरकार मुश्किल में फंसी दिख रही है।

23 शिक्षक संघों ने दी चेतावनी
ऐतिहासिक गांधी मैदान में रविवार को हुई बैठक में 23 शिक्षक संघों ने मिलकर जनवरी माह तक 'समान काम के लिए समान वेतन' नहीं लागू होने पर एक फरवरी से पूर्ण तालाबन्दी का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक तालाबंदी के दौरान शिक्षक फ़रवरी माह में होने वाली इंटर व मैट्रिक की परीक्षा और मूल्यांकन कार्य का भी बहिष्कार करेंगे।

नीतीश सरकार पर आरोप
अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी देते हुए 3.30 लाख नियोजित शिक्षकों ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पटना हाईकोर्ट के फैसले को लागू ना करके सरकार समय टालने का रवैया अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।

हाईकोर्ट ने लगाई थी सरकार को फटकार
बताया जाता है कि पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ की फटकार और फैसले के बावजूद नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।

सरकार के रवैये से क्षुब्ध हैं शिक्षक
सरकार के वेतन संबंधी मांगों के मामले को लंबित रखने के रवैयै से क्षुब्ध सूबे के करीब 3.3 लाख नियोजित शिक्षकों ने आर-पार की लड़ाई छेड़ते हुए मांगें पूरी न होने की स्थिति में आगामी एक फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। 

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