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हड़ताल पर जायेंगे बिहार के नियोजित शिक्षक, मैट्रिक-इंटर परीक्षा का करेंगे बहिष्‍कार

बिहार के नियोजित शिक्षक समान काम- समान काम को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गये हैं। नियोजित शिक्षक संगठनों ने सरकार को 31 जनवरी तक समान काम के लिए समान वेतन लागू करने का अल्‍टीमेटम दिया है। ऐसा नहीं करने पर 1 फरवरी से वे हड़ताल पर चले जायेंगे।

उन्होंने कहा है कि सरकार अगर 31 जनवरी तक समान काम के बदले समान वेतन नहीं देती है तो एक फरवरी 2018 से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे और शिक्षा व्यवस्था ठप करेंगे।
रविवार को नियोजित शिक्षकों के 22 संगठनों की पटना में हुई संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने पर छह से 16 फरवरी तक चलने वाली इंटरमीडिएट की परीक्षा और 21 से 28 फरवरी तक चलने वाली मैट्रिक की परीक्षा बाधित होने की आशंका है।
पटना हाईकोर्ट ने 31 अक्तूबर, 2017 को नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन दिये जाने का फैसला सुनाया था। इसी फैसले को लागू करने के लिए रविवार को सभी 22 नियोजित शिक्षक संगठनों के महासचिवों की बैठक गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास हुई।
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के महासचिव नवीन कुमार सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने 90 दिनों के अंदर इस फैसले को लागू करने का निर्देश राज्य सरकार को निर्देश दिया है। इसलिए बैठक में पटना हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप 90 दिनों का समय राज्य सरकार को दिया गया है।
उन्होंने कहा है कि अगर 90 दिनों में सरकार ने कोर्ट के फैसले को लागू कर समान काम के बदले समान वेतन नहीं देती है तो राज्य भर के 3.62 लाख नियोजित शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्ष शिक्षा व्यवस्था ठप कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।

खबर के मुताबिक आगे की रणनीति तैयार करने के लिए 22 नवंबर को सभी संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महासचिवों की पटना में बैठक होगी। रविवार को हुए बैठक की अध्यक्षता संयुक्त रूप से प्रदीप कुमार पप्पू और संतोष श्रीवास्तव ने की।

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