बताया जाता है कि वर्ष 2008 में शिक्षक नियोजन के दूसरे चरण के तहत सदर
प्रखंड के मिर्जापुर बरदह पंचायत में सरवरी आलम का शिक्षक के रूप में चयन
किया गया था, लेकिन उन्हें योगदान करने से वंचित कर दिया गया था।
इसके बाद वह अपना अधिकार पाने के लिए जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में मामले को ले गई, जहां उनके चयन को बहाल कर दिया गया, लेकिन उसके बाद भी उनको योगदान नहीं कराया गया। इसके बाद उसने राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पास गुहार लगाई। इस पर निदेशक ने डीईओ को जांच पड़ताल करने को कहा। इसके बाद डीपीओ स्थापना ने 3 अक्टूबर 2017 को पंचायत सचिव मिर्जापुर बरदह को पत्र भेज जिला 2008 में नियोजन को लेकर उपलब्ध कराई गई रिक्ति, रोस्टर, आरक्षण की स्थिति तथा विषयवार रिक्त पदों की संख्या तथा सरवरी खातून का नियोजन न होने तथा प्राधिकार के आदेश के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में बीईओ मुफ्सिल के माध्यम से दस दिनों में साक्ष्य मांगा, लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिव ने इस पर कोई प्रतिवेदन शिक्षा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया।
कोट
मिर्जापुर बरदह पंचायत के पंचायत सचिव को एक बार फिर से रिमाइंडर भेजा जाएगा। ताकि वे 2008 में हुए शिक्षक नियोजन से संबंधित संचिका विभाग को उपलब्ध कराएं। यदि इस बार पंचायत सचिव संचिका उपलब्ध कराने में नाकाम रहते हैं तो उनके उपर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
अशोक कुमार ¨सह, डीपीओ, स्थापना, शिक्षा विभाग
इसके बाद वह अपना अधिकार पाने के लिए जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में मामले को ले गई, जहां उनके चयन को बहाल कर दिया गया, लेकिन उसके बाद भी उनको योगदान नहीं कराया गया। इसके बाद उसने राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पास गुहार लगाई। इस पर निदेशक ने डीईओ को जांच पड़ताल करने को कहा। इसके बाद डीपीओ स्थापना ने 3 अक्टूबर 2017 को पंचायत सचिव मिर्जापुर बरदह को पत्र भेज जिला 2008 में नियोजन को लेकर उपलब्ध कराई गई रिक्ति, रोस्टर, आरक्षण की स्थिति तथा विषयवार रिक्त पदों की संख्या तथा सरवरी खातून का नियोजन न होने तथा प्राधिकार के आदेश के बाद की गई कार्रवाई के संबंध में बीईओ मुफ्सिल के माध्यम से दस दिनों में साक्ष्य मांगा, लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिव ने इस पर कोई प्रतिवेदन शिक्षा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया।
कोट
मिर्जापुर बरदह पंचायत के पंचायत सचिव को एक बार फिर से रिमाइंडर भेजा जाएगा। ताकि वे 2008 में हुए शिक्षक नियोजन से संबंधित संचिका विभाग को उपलब्ध कराएं। यदि इस बार पंचायत सचिव संचिका उपलब्ध कराने में नाकाम रहते हैं तो उनके उपर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
अशोक कुमार ¨सह, डीपीओ, स्थापना, शिक्षा विभाग