सहरसा। मां लक्ष्मी की पूजा की तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन अब भी
महिलाओं को उचित सम्मान नहीं मिल पाया है। आलम यह है कि जिले में महज 43
फीसद महिलाएं ही साक्षर हैं। जबकि 1000 पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 906 पर
पहुंच गई है। स्कूली शिक्षा के मामले में भी लड़कियां अब भी काफी पीछे हैं।
पंचायत चुनाव व शिक्षक नियोजन में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने से महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। राजनीति में भी महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। जबकि स्वयंसहायता समूह के माध्यम से महिलाएं स्वरोजगार के लिए उन्मुख हुई हैं। लेकिन अब भी कोसी का इलाका लक्ष्य से काफी दूर है। 2011 की जनगणना की बात करें तो जिले की आबादी 18 लाख 97 हजार 102 थी। जिसमें महिलाओं की संख्या आठ लाख 29 हजार 206 थी। अगर हर वर्ष ढाई फीसद आबादी बढ़ाकर आंकड़े को देखा जाए तो आबादी 21 लाख से अधिक हो गई है। लेकिन ¨लगानुपात में और कमी आई है।
चोरी-छिपे हो रही है भ्रूण हत्या
जिले में बिना निबंधित करीब दो दर्जन अल्ट्रासाउंड केन्द्र चल रहे हैं। इन केन्द्रों पर चोरी-छिपे भ्रूण की जांच अधिक पैसे लेकर की जाती है। शहरी क्षेत्र में भी ऐसे केन्द्रों की संख्या काफी अधिक है। इन केन्द्रों पर जांच के बाद बेटे की चाह में करीब ढाई फीसद लोग लाडो के धरती पर आने से पहले ही मार डालते हैं।
जिले में ¨लगानुपात-2011 की जनगणना के आधार पर
आबादी- 18,97,102
महिला- 8,29,206
¨लगानुपात- 1000-906
महिला साक्षरता- 42.73
स्कूलों में नामांकित छात्राओं की वर्तमान स्थिति
वर्ग-1 से 5- 126132
वर्ग- 6 से 8- 50949
वर्ग-9 से 10- 20265
वर्ग-11 से 12- 7884
क्या कहती हैं महिलाएं
महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। लेकिन इस दिशा में और प्रयास की जरूरत है। ताकि महिलाएं निडर होकर आगे बढ़ सके।
-प्रो. अवंतिका वर्मा, अभियंत्रण कॉलेज, सहरसा
महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। साक्षरता को लेकर विशेष पहल करनी होगी। स्कूल, कॉलेज की संख्या में बढ़ोतरी आवश्यक है।
-किरण पांडेय, अधिवक्ता, सहरसा
बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान से काफी लाभ मिला है। भ्रूण हत्या व सुरक्षा को लेकर और ठोस कानून बनाने की जरूरत है।
-पुष्पलता ¨सह, जिला संयोजक, बेटी बचाओ अभियान, सहरसा
पंचायती राज आरक्षण से महिलाएं राजनीति में आगे आई हैं। सभी क्षेत्रों में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। सुरक्षा व साक्षरता के लिए विशेष पहल करने की आवश्यकता है।
-अरहुल देवी, अध्यक्ष, जिला परिषद, सहरसा
पंचायत चुनाव व शिक्षक नियोजन में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने से महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। राजनीति में भी महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। जबकि स्वयंसहायता समूह के माध्यम से महिलाएं स्वरोजगार के लिए उन्मुख हुई हैं। लेकिन अब भी कोसी का इलाका लक्ष्य से काफी दूर है। 2011 की जनगणना की बात करें तो जिले की आबादी 18 लाख 97 हजार 102 थी। जिसमें महिलाओं की संख्या आठ लाख 29 हजार 206 थी। अगर हर वर्ष ढाई फीसद आबादी बढ़ाकर आंकड़े को देखा जाए तो आबादी 21 लाख से अधिक हो गई है। लेकिन ¨लगानुपात में और कमी आई है।
चोरी-छिपे हो रही है भ्रूण हत्या
जिले में बिना निबंधित करीब दो दर्जन अल्ट्रासाउंड केन्द्र चल रहे हैं। इन केन्द्रों पर चोरी-छिपे भ्रूण की जांच अधिक पैसे लेकर की जाती है। शहरी क्षेत्र में भी ऐसे केन्द्रों की संख्या काफी अधिक है। इन केन्द्रों पर जांच के बाद बेटे की चाह में करीब ढाई फीसद लोग लाडो के धरती पर आने से पहले ही मार डालते हैं।
जिले में ¨लगानुपात-2011 की जनगणना के आधार पर
आबादी- 18,97,102
महिला- 8,29,206
¨लगानुपात- 1000-906
महिला साक्षरता- 42.73
स्कूलों में नामांकित छात्राओं की वर्तमान स्थिति
वर्ग-1 से 5- 126132
वर्ग- 6 से 8- 50949
वर्ग-9 से 10- 20265
वर्ग-11 से 12- 7884
क्या कहती हैं महिलाएं
महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। लेकिन इस दिशा में और प्रयास की जरूरत है। ताकि महिलाएं निडर होकर आगे बढ़ सके।
-प्रो. अवंतिका वर्मा, अभियंत्रण कॉलेज, सहरसा
महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। साक्षरता को लेकर विशेष पहल करनी होगी। स्कूल, कॉलेज की संख्या में बढ़ोतरी आवश्यक है।
-किरण पांडेय, अधिवक्ता, सहरसा
बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान से काफी लाभ मिला है। भ्रूण हत्या व सुरक्षा को लेकर और ठोस कानून बनाने की जरूरत है।
-पुष्पलता ¨सह, जिला संयोजक, बेटी बचाओ अभियान, सहरसा
पंचायती राज आरक्षण से महिलाएं राजनीति में आगे आई हैं। सभी क्षेत्रों में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। सुरक्षा व साक्षरता के लिए विशेष पहल करने की आवश्यकता है।
-अरहुल देवी, अध्यक्ष, जिला परिषद, सहरसा