Advertisement

फ्लायर ::: तीन साल का रोडमैप तैयार, 2020 तक पुराने रंग में दिखने लगेगा पीयू

शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक माहौल के लिए संसाधन केवल साधन होते हैं। इसकी बेहतरी शिक्षक और विद्यार्थियों की इच्छाशक्ति पर निर्भर करती है। पटना विश्वविद्यालय का पुराना गौरव लौटाने के लिए इसी इच्छाशक्ति को जगाने की जरूरत है। शेष स्वत: उपलब्ध हो जाएगा।
विश्वविद्यालय को नए सिरे से शैक्षणिक माहौल के लिए तीन साल का रोडमैप तैयार किया गया है। इस पर तेजी से काम भी हो रहा है। 2020 तक विश्वविद्यालय अपने पुराने रंग में बहुत हद तक दिखने लगेगा। उक्त बातें पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने हमारे संवाददाता जयशंकर बिहारी से विशेष बातचीत में कहीं। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश -
---------
1967 में आप पटना विश्वविद्यालय के छात्र बने, 1976 में शिक्षक और अब कुलपति हैं। इन पांच दशकों में यूनिवर्सिटी में काफी बदलाव देखने को मिला होगा?
- पटना विश्वविद्यालय आजादी के पूर्व से ही अपने शैक्षणिक माहौल के लिए जाना जाता था। कई नामचीन विश्वविद्यालयों के शिक्षक और पदाधिकारी यहां के उम्दा शैक्षणिक माहौल का रहस्य जानने के लिए महीनों परिसर में बिताते थे। कल्पना कीजिए कोर्स में छात्र जिनका किताब पढ़ रहे हों और वही कक्षा लेने के लिए वर्ग में मौजूद हों, इसी दौर का मैं विद्यार्थी रहा हूं। तब शिक्षकों में पढ़ाने और विद्यार्थियों में पढ़ने की जबरदस्त इच्छाशक्ति थी। पांच दशकों में सबसे अधिक गिरावट इसी क्षेत्र में आई है। 90 के दशक के पहले और अब के विश्वविद्यालय में काफी अंतर है। यहां नामांकन का मतलब होता था सफलता सुनिश्चित है। विश्वविद्यालय का पुराना गौरव लौटाना ही मुख्य उद्देश्य है।
पीयू का पुराना गौरव लौटाना है। यह पिछले तीन दशक के दौरान कार्यरत सभी कुलपतियों का आदर्श वाक्य रहा है। हकीकत है कि हर दिन गिरावट ही देखने को मिल रही है।
- कुलपति बनने के कुछ ही दिनों बाद तीन साल का रोडमैप बनाया है। 2017 से 2020 तक हर तिमाही की कार्ययोजना है। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। परिणाम भी बेहतर देखने को मिल रहे हैं। राज्य सरकार भी विश्वविद्यालय को नए रूप में देखना चाहती है। पूर्ववर्ती छात्र रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विश्वविद्यालय के स्वर्णिम काल के छात्र रहे हैं। उनकी हार्दिक इच्छा है कि विश्वविद्यालय का गौरव वापस लौटे। पिछले तीन माह में 50 नए शिक्षक विवि को मिले हैं। शिक्षकों की कमी दूर होने से आधी समस्या का स्वत: समाधान हो जाएगा। ------
रोडमैप में क्या-क्या शामिल किया गया है?
इसमें हर तिमाही में शैक्षणिक माहौल बेहतर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा है। शिक्षकों और विद्यार्थियों को संसाधन उपलब्ध कराने की योजना है। 2020 तक विश्वविद्यालय पूरी तरह से डिजिटलाइजड हो जाएगा। विद्यार्थियों को उनसे संबंधित 95 फीसद जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध करा दी जाएगी। आज छोटे-छोटे काम के लिए बच्चों को विभाग और मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। रानीघाट और सैदपुर परिसर को विकसित किया जाएगा। हॉस्टल को दुरुस्त किया जाएगा। शताब्दी भवन की कार्ययोजना शिक्षा विभाग को सौंप दी गई है। संसाधन शैक्षणिक माहौल को बेहतर करने में सहायक हो सकता है, लेकिन उसे बना नहीं सकता। यह बेहतर शिक्षक और विद्यार्थियों की इच्छाशक्ति से ही संभव है।
---------
देश के टॉप-10 विश्वविद्यालय में पीयू कब शामिल होगा?
यह अभी कहना थोड़ा मुश्किल होगा। लेकिन, 2020 तक विश्वविद्यालय पूरी तरह से बदला-बदला नजर आएगा। शिक्षक और विद्यार्थियों के सहयोग से टॉप-10 की मंजिल भी प्राप्त कर ली जाएगी। इसमें पूर्ववर्ती छात्रों की भूमिका भी अहम होगी। 70 के दशक में जापान के प्रधानमंत्री रहे तनाका की पंक्ति बच्चों से हमेशा साझा करता हूं, 'संसाधनविहीनता ही जापान का सबसे बड़ा संसाधन है'। मानव संसाधन दुनिया का सबसे बड़ा संसाधन है। यह पीयू के पास मौजूद है।
--------
कई दशक से पीयू में पारंपरिक कोर्स पुराने ढर्रे से पढ़ाए जा रहे हैं। जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न में काफी बदलाव हुआ है। सिविल सेवा में रिजल्ट कम होने का यह प्रमुख कारण विशेषज्ञ बताते हैं।
- कोर्स के सिलेबस में बदलाव समय-समय पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार होता रहा है। लेकिन, अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में हम पिछड़ गए हैं। इसे दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यूपीएससी, बीपीएससी तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव की जानकारी और मागदर्शन की व्यवस्था की जाएगी। अगले सत्र से 10 नए कोर्स शुरू किए जाएंगे।
----------
पीयू को केंद्रीय विवि बनाने की मांग बहुत पुरानी है। इस पर प्रधानमंत्री से किसी तरह की बातचीत होगी?

- प्रधानमंत्री अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में आ रहे हैं। वे पहले प्रधानमंत्री होंगे जो पीयू के किसी कार्यक्रम में शामिल होंगे। उनका विश्वविद्यालय परिवार जोरदार स्वागत करेगा। यह कुछ मांगने या कहने का उचित समय नहीं होगा। इस पर शताब्दी समारोह के बाद विमर्श किया जाएगा। 

UPTET news

Blogger templates