मुजफ्फरपुर। सुशासन की सरकार ढाई साल में नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त
नियमावली नहीं बना सकी। केंद्र सरकार की तर्ज पर शिक्षकों को सप्तम
वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। उक्त बातें जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के
प्रधान सचिव राजकिशोर तिवारी ने समाहरणालय में आयोजित धरने के दौरान कहीं।
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर आयोजित धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। स्नातक योग्यताधारी नियोजित शिक्षकों को आठ वर्षो की सेवा के पश्चात स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति के साथ एक हजार रुपये की वृद्धि नहीं की जा रही है। मांगों पर विचार नहीं होने पर पांच सितंबर को विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा। धरना सभा को जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न प्रसाद सिंह, वैद्यनाथ पाठक, भूपनारायण पांडेय, उप प्रधान सचिव रघुवंश प्रसाद सिंह, उमेश प्रसाद ठाकुर, उपेंद्र ठाकुर, राजीव रंजन, राम निवास सिंह, सुनैना कुमारी, श्यामसुंदर सिंह, रामछबीला राय, फखरुद्दीन अली, पवन कुमार प्रतापी, रामाशंकर सिंह, डॉ. मनोज कुमार दुबे आदि ने संबोधित किया।
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर आयोजित धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। स्नातक योग्यताधारी नियोजित शिक्षकों को आठ वर्षो की सेवा के पश्चात स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति के साथ एक हजार रुपये की वृद्धि नहीं की जा रही है। मांगों पर विचार नहीं होने पर पांच सितंबर को विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा। धरना सभा को जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न प्रसाद सिंह, वैद्यनाथ पाठक, भूपनारायण पांडेय, उप प्रधान सचिव रघुवंश प्रसाद सिंह, उमेश प्रसाद ठाकुर, उपेंद्र ठाकुर, राजीव रंजन, राम निवास सिंह, सुनैना कुमारी, श्यामसुंदर सिंह, रामछबीला राय, फखरुद्दीन अली, पवन कुमार प्रतापी, रामाशंकर सिंह, डॉ. मनोज कुमार दुबे आदि ने संबोधित किया।