केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि स्कूलों
में नामांकित बच्चों को आधार कार्ड से जोड़ते ही एमडीएम में फर्जीवाड़े सामने
आने लगे हैं। सरकार स्कूलों में भ्रष्टाचार की समाप्ति व गुणात्मक शिक्षा
के प्रति जागरूक है।
आज स्थिति ऐसी है कि सम्पन्न परिवारों के बच्चे थोड़ा कम भी पढ़ें तो काम चल सकता है। लेकिन, गरीब के बच्चों को बेरोजगारी व भूख से लड़ना है तो अच्छी शिक्षा ग्रहण करनी होगी। वे रविवार को नगर भवन में आयोजित शिक्षा सुधार सह जिला कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रहे थे।मंत्री ने कहा कि अब प्रत्येक वित्तीय वर्ष में मार्च व मई में वार्षिक परीक्षा होगी। इन दोनों में फेल बच्चों को उसी क्लास में रहना होगा। पूर्ववर्ती सरकार बच्चों को बिना पढ़े-लिखे भी अगली कक्षा में भेज देती थी। लेकिन, हमने उस व्यवस्था को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के प्रति केन्द्र व राज्य सरकारों के साथ-साथ समाज के लोगों को भी सजग होना होगा। शिक्षा के बिना बच्चे किसी भी क्षेत्र में बेहतर नहीं कर सकते। मंत्री ने कहा कि सभी गांव व कस्बों में सरकारी स्कूल हैं, लेकिन उनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी सबसे बड़ी चुनौती है। कहा, जो शिक्षक अच्छे ढंग से बच्चों को पढ़ाते हैं, उन्हें स्कूलों में रहने दिया जाए। लेकिन, जो ऐसा नहीं कर पाते, उन्हें दूसरे कार्यों में लगाया जाए। लापरवाह शिक्षकों को बर्खास्त करने की राज्य सरकार की घोषणा का हम स्वागत करते हैं। सभी स्कूलों में प्रत्येक क्लास के बच्चों को क्या-क्या पढ़ना है, इसका बुकलेट बच्चों व अभिभावकों को देंगे। इसे स्कूल के डिस्प्ले बोर्ड पर भी प्रकाशित करेंगे।
आज स्थिति ऐसी है कि सम्पन्न परिवारों के बच्चे थोड़ा कम भी पढ़ें तो काम चल सकता है। लेकिन, गरीब के बच्चों को बेरोजगारी व भूख से लड़ना है तो अच्छी शिक्षा ग्रहण करनी होगी। वे रविवार को नगर भवन में आयोजित शिक्षा सुधार सह जिला कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रहे थे।मंत्री ने कहा कि अब प्रत्येक वित्तीय वर्ष में मार्च व मई में वार्षिक परीक्षा होगी। इन दोनों में फेल बच्चों को उसी क्लास में रहना होगा। पूर्ववर्ती सरकार बच्चों को बिना पढ़े-लिखे भी अगली कक्षा में भेज देती थी। लेकिन, हमने उस व्यवस्था को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के प्रति केन्द्र व राज्य सरकारों के साथ-साथ समाज के लोगों को भी सजग होना होगा। शिक्षा के बिना बच्चे किसी भी क्षेत्र में बेहतर नहीं कर सकते। मंत्री ने कहा कि सभी गांव व कस्बों में सरकारी स्कूल हैं, लेकिन उनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी सबसे बड़ी चुनौती है। कहा, जो शिक्षक अच्छे ढंग से बच्चों को पढ़ाते हैं, उन्हें स्कूलों में रहने दिया जाए। लेकिन, जो ऐसा नहीं कर पाते, उन्हें दूसरे कार्यों में लगाया जाए। लापरवाह शिक्षकों को बर्खास्त करने की राज्य सरकार की घोषणा का हम स्वागत करते हैं। सभी स्कूलों में प्रत्येक क्लास के बच्चों को क्या-क्या पढ़ना है, इसका बुकलेट बच्चों व अभिभावकों को देंगे। इसे स्कूल के डिस्प्ले बोर्ड पर भी प्रकाशित करेंगे।