बिहार के शिक्षा व्यवस्था आज अपना बदहाली प
रोवे लायक तक नईखे बाचल। शिक्षा व्यवस्था से अयीसन हाल बा स्कूल के नाम प
बस अब चारदीवारी रह गइल बा। सरकार बड़े-बड़े सुधार के दावा जरूर करतिया लेकिन
एकर असर जमीन प तनिकों नईखे देखाई देत।
एक ओर राज्य में प्राथमिक शिक्षा के जरूरी बना दिहल बा त दोसरा ओर छात्र के शत-प्रतिशत उपस्थिती दर्ज करावे के आदेश दिहल बा, लेकिन एकरा बावजूद अधिकांश छात्र स्कूल से दूर बाड़े। हालांकि स्कूल के हाज़िरी रजिस्टर में ए छात्रन के हाज़िरी रोज लागेला।
सरकार के कथनी प ग्रहण लगावत शिक्षा व्यवस्था के असली हालत भोजपुर जिला में सहार थानाक्षेत्र के तहत कुशवाहा टोला, बरूही के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में देखाई देता।
बरुही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में एक संगे सरकार के स्वच्छता अभियान अवुरी शिक्षा व्यवस्था अवुरी तय मानक के धज्जी उड़ता। गड़बड़ी के आलम ए हद तक बा कि ए स्कूल में शायदे कवनो चीज़ कानून अवुरी मानक के हिसाब से ठीक होखे। इहाँ ना त छात्रवृति अवुरी मिड डे मील के भोजन तक पूरा नईखे मिलत।
स्कूल के हेडमास्टर विजय कुमार सिंह के कहनाम बा कि उनुका स्कूल में शिक्षक, कमरा समेत लगभग हरेक संसाधन के कमी बा अवुरी एकरा बारे में उ खुद बहुत बेर ज़िला के शिक्षा अधिकारी के सूचना दे चुकल बाड़े, लेकिन अभी तक ए मामला में कवनो कार्रवाई नईखे भईल।
पांच कमरा वाला ए मध्य विद्यालय में एक कमरा कार्यालय के रूप में इस्तेमाल होखेला जबकि एक कमरा हमेशा बंद रहेला। बाकी बाचल तीन कमरा में कक्षा एक से लेके आठ तक के पढ़ाई होखेला। पढ़ाई का होखत होई एकर अंदाज़ा लगावल जा सकता।
करीब 400 छात्र-छात्रा वाला ए स्कूल के एक कमरा में पहिला-दूसरा के क्लास चलेला, एक कमरा में तीसरा अवुरी चउठा के क्लास चलेला, जबकि तिसरका कमरा में पंचवां, छठवां, सातवां अवुरी आठवां के क्लास चलेला।
अब सोचे अवुरी समझे के बा कि जब एके कमरा में चार क्लास के पढ़ाई होई त का होई? पढ़ाई होई कि सिर्फ रजिस्टर में हाज़िरी लागि? ए स्कूल से सिर्फ हाज़िरी लगा के पास भईल छात्र मैट्रिक अवुरी इंटर में कवन नतीजा ले अईहे?
ए स्कूल में स्वच्छ भारत अभियान के तहत भरी भरकम रकम के खर्च से 2 शौचालय बनावल गइल, लेकिन एक शौचालय में हमेशा ताला बंद रहेला जबकि दुसरका शौचालय एतना जादे गंदा बा कि ओकर इस्तेमाल कईला से कवनो खतरनाक बेमारी हो जाए के आशंका बा। ए सभके चलते अधिकांश छात्र-छात्रा शौचालय के इस्तेमाल ना करेले अवुरी खुला में शौच करे प मजबूर बाड़े।
सरकारी नियम के मुताबिक 40 छात्र प एक शिक्षक के रहल जरूरी बा लेकिन 400 छात्र -छात्रा ए स्कूल में आठ क्लास खाती मात्र सात शिक्षक बाड़े। समझ में नईखे आवत कि सरकार एक से लेके आठवां तक के ए स्कूल में एक क्लास केकरा भरोसे छोड़ले बिया? हालांकि सरकारी मानक के मुताबिक स्कूल में कम से कम 10 शिक्षक के जरूरत बाटे।
एक ओर राज्य में प्राथमिक शिक्षा के जरूरी बना दिहल बा त दोसरा ओर छात्र के शत-प्रतिशत उपस्थिती दर्ज करावे के आदेश दिहल बा, लेकिन एकरा बावजूद अधिकांश छात्र स्कूल से दूर बाड़े। हालांकि स्कूल के हाज़िरी रजिस्टर में ए छात्रन के हाज़िरी रोज लागेला।
सरकार के कथनी प ग्रहण लगावत शिक्षा व्यवस्था के असली हालत भोजपुर जिला में सहार थानाक्षेत्र के तहत कुशवाहा टोला, बरूही के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में देखाई देता।
बरुही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में एक संगे सरकार के स्वच्छता अभियान अवुरी शिक्षा व्यवस्था अवुरी तय मानक के धज्जी उड़ता। गड़बड़ी के आलम ए हद तक बा कि ए स्कूल में शायदे कवनो चीज़ कानून अवुरी मानक के हिसाब से ठीक होखे। इहाँ ना त छात्रवृति अवुरी मिड डे मील के भोजन तक पूरा नईखे मिलत।
स्कूल के हेडमास्टर विजय कुमार सिंह के कहनाम बा कि उनुका स्कूल में शिक्षक, कमरा समेत लगभग हरेक संसाधन के कमी बा अवुरी एकरा बारे में उ खुद बहुत बेर ज़िला के शिक्षा अधिकारी के सूचना दे चुकल बाड़े, लेकिन अभी तक ए मामला में कवनो कार्रवाई नईखे भईल।
पांच कमरा वाला ए मध्य विद्यालय में एक कमरा कार्यालय के रूप में इस्तेमाल होखेला जबकि एक कमरा हमेशा बंद रहेला। बाकी बाचल तीन कमरा में कक्षा एक से लेके आठ तक के पढ़ाई होखेला। पढ़ाई का होखत होई एकर अंदाज़ा लगावल जा सकता।
करीब 400 छात्र-छात्रा वाला ए स्कूल के एक कमरा में पहिला-दूसरा के क्लास चलेला, एक कमरा में तीसरा अवुरी चउठा के क्लास चलेला, जबकि तिसरका कमरा में पंचवां, छठवां, सातवां अवुरी आठवां के क्लास चलेला।
अब सोचे अवुरी समझे के बा कि जब एके कमरा में चार क्लास के पढ़ाई होई त का होई? पढ़ाई होई कि सिर्फ रजिस्टर में हाज़िरी लागि? ए स्कूल से सिर्फ हाज़िरी लगा के पास भईल छात्र मैट्रिक अवुरी इंटर में कवन नतीजा ले अईहे?
ए स्कूल में स्वच्छ भारत अभियान के तहत भरी भरकम रकम के खर्च से 2 शौचालय बनावल गइल, लेकिन एक शौचालय में हमेशा ताला बंद रहेला जबकि दुसरका शौचालय एतना जादे गंदा बा कि ओकर इस्तेमाल कईला से कवनो खतरनाक बेमारी हो जाए के आशंका बा। ए सभके चलते अधिकांश छात्र-छात्रा शौचालय के इस्तेमाल ना करेले अवुरी खुला में शौच करे प मजबूर बाड़े।
सरकारी नियम के मुताबिक 40 छात्र प एक शिक्षक के रहल जरूरी बा लेकिन 400 छात्र -छात्रा ए स्कूल में आठ क्लास खाती मात्र सात शिक्षक बाड़े। समझ में नईखे आवत कि सरकार एक से लेके आठवां तक के ए स्कूल में एक क्लास केकरा भरोसे छोड़ले बिया? हालांकि सरकारी मानक के मुताबिक स्कूल में कम से कम 10 शिक्षक के जरूरत बाटे।