भाजपाके प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने इंटर परीक्षा परिणाम को लेकर चल
रहे विवादों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दस सवाल पूछे हैं। उन्होंने
पूछा- वे इंटर परीक्षा के परिणाम के फलस्वरूप विवाद-घोटाले का मुख्य
जिम्मेदार किसको मानते हैं?
सही परिणाम और फिर से कॉपी की जांच की मांग कर रहे छात्रों पर राज्यभर में लाठीचार्ज क्यों करवाई जा रही है? क्या बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी और अपने शिक्षा मंत्री की तनिक भी जिम्मेदारी समझते हैं, यदि हां तो इस्तीफा दें और नहीं तो किसकी जिम्मेदारी है, बताएं?
उन्होंने कहा कि इंटर परीक्षा की कॉपी कितने केंद्रों पर, कितने शिक्षकों ने और कब से कब तक जांची, राज्य सरकार इसकी पूरी जानकारी दे। क्या ये बात सच है कि उच्च, माध्यमिक इंटर विद्यालय के शिक्षकों की बजाय प्राथमिक मध्य विद्यालय के शिक्षकों से कॉपी जांच करवाई गई? क्या यह सही है कि कॉपी जांच का बड़ी संख्या में इंटर काॅलेज, अनुदानित नियोजित स्कूल के शिक्षकों ने बहिष्कार किया था? शिक्षकों द्वारा लंबे समय तक कॉपी जांच के बहिष्कार के बाद अचानक 20 दिनों में 12 लाख छात्रों के सभी 5-6 विषयों की कॉपी की जांच कैसे संभव हो गई? क्या वे बिहार के 12 लाख छात्रों के हित में सारी काॅपियों की जांच फिर से कराएंगे?
पटना|प्रदेश जदयूके मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी की देख-रेख में ही टॉपर घोटाले की पूरी पटकथा लिखी गई है। भाजपा नेता जवाहर प्रसाद सिंह के साथ मिलकर उन्होंने इसकी स्क्रिप्ट लिखी है। मोदी को बताना चाहिए कि जवाहर सिंह से उनका क्या रिश्ता है? वे यह भी बताएं कि क्या इनके इशारे पर टॉपर गणेश की ये साजिश नहीं रची गई है? ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया कि बिहार बदनाम हो। पर, बिहार के कुशल प्रशासन ने इनकी पोल खोलकर रख दी है। जैसे सुशील मोदी सबसे सवाल पूछते रहते हैं, उन्हें भी अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी ने ही रामनंदन सिंह जगदीश नारायण इंटर कॉलेज के सचिव जवाहर प्रसाद सिंह के साथ मिलकर पूरा ड्रामा तैयार किया। इस कॉलेज के प्रिंसिपल हैं जवाहर प्रसाद सिंह के पुत्र अभितेंद्र कुमार सिंह। ताजपुर के चक हबीब के इस कॉलेज से ही गणेश ने टॉप किया था। इस कॉलेज का नाम इतना है कि कोई भी इस कॉलेज में जाकर पैसे देकर डिग्री ले सकता है। इसीलिए झारखंड से आए गणेश कुमार को इस कॉलेज से फाॅर्म भरवाया गया और टॉप भी करा दिया गया।
सही परिणाम और फिर से कॉपी की जांच की मांग कर रहे छात्रों पर राज्यभर में लाठीचार्ज क्यों करवाई जा रही है? क्या बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी और अपने शिक्षा मंत्री की तनिक भी जिम्मेदारी समझते हैं, यदि हां तो इस्तीफा दें और नहीं तो किसकी जिम्मेदारी है, बताएं?
उन्होंने कहा कि इंटर परीक्षा की कॉपी कितने केंद्रों पर, कितने शिक्षकों ने और कब से कब तक जांची, राज्य सरकार इसकी पूरी जानकारी दे। क्या ये बात सच है कि उच्च, माध्यमिक इंटर विद्यालय के शिक्षकों की बजाय प्राथमिक मध्य विद्यालय के शिक्षकों से कॉपी जांच करवाई गई? क्या यह सही है कि कॉपी जांच का बड़ी संख्या में इंटर काॅलेज, अनुदानित नियोजित स्कूल के शिक्षकों ने बहिष्कार किया था? शिक्षकों द्वारा लंबे समय तक कॉपी जांच के बहिष्कार के बाद अचानक 20 दिनों में 12 लाख छात्रों के सभी 5-6 विषयों की कॉपी की जांच कैसे संभव हो गई? क्या वे बिहार के 12 लाख छात्रों के हित में सारी काॅपियों की जांच फिर से कराएंगे?
पटना|प्रदेश जदयूके मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी की देख-रेख में ही टॉपर घोटाले की पूरी पटकथा लिखी गई है। भाजपा नेता जवाहर प्रसाद सिंह के साथ मिलकर उन्होंने इसकी स्क्रिप्ट लिखी है। मोदी को बताना चाहिए कि जवाहर सिंह से उनका क्या रिश्ता है? वे यह भी बताएं कि क्या इनके इशारे पर टॉपर गणेश की ये साजिश नहीं रची गई है? ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया कि बिहार बदनाम हो। पर, बिहार के कुशल प्रशासन ने इनकी पोल खोलकर रख दी है। जैसे सुशील मोदी सबसे सवाल पूछते रहते हैं, उन्हें भी अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी ने ही रामनंदन सिंह जगदीश नारायण इंटर कॉलेज के सचिव जवाहर प्रसाद सिंह के साथ मिलकर पूरा ड्रामा तैयार किया। इस कॉलेज के प्रिंसिपल हैं जवाहर प्रसाद सिंह के पुत्र अभितेंद्र कुमार सिंह। ताजपुर के चक हबीब के इस कॉलेज से ही गणेश ने टॉप किया था। इस कॉलेज का नाम इतना है कि कोई भी इस कॉलेज में जाकर पैसे देकर डिग्री ले सकता है। इसीलिए झारखंड से आए गणेश कुमार को इस कॉलेज से फाॅर्म भरवाया गया और टॉप भी करा दिया गया।