पटना : केस 1 : अम्बिका मेहता (राेल नंबर 17030017 व रोल कोड 32023)
कला संकाय की छात्रा है. अम्बिका को म्यूजिक की एबीसी नहीं पता है. कॉलेज
में कभी पढ़ाई भी नहीं हुई, लेकिन म्यूजिक में डिस्टिंग्स मार्क्स 78 आये
हैं. वहीं, ज्योगरफी और होमसाइंस के प्रैक्टिकल में तीस में 27 और 25 अंक
आये हैं.
केस 2 : नूसरत परवीन (राेल नंबर 17030178 व रोल कोड 32023) को इंटर
कला संकाय में थर्ड डिवीजन आया है. नूसरत को होम साइंस और साइकोलॉजी में
तीस में 27-27 अंक प्राप्त हुए हैं. वहीं, हिस्ट्री में मात्र पासिंग
मार्क्स 30 अंक प्राप्त हुए हैं.
बिना शिक्षक बेहतर रिजल्ट की कल्पना नहीं की जा सकती है. जब शिक्षक
पढ़ायेंगे, तभी तो रिजल्ट भी बढ़िया होगा. लेकिन प्रदेश में एक एेसा भी
कॉलेज है, जहां शिक्षक तो नहीं हैं, लेकिन रिजल्ट हर साल बेहतर होता है.
महिला महाविद्यालय, जनकपुर रोड, सीतामढ़ी के इस कॉलेज से हर साल तीन से चार
सौ छात्राएं परीक्षा में शामिल होती हैं और 70 फीसदी छात्राएं पास होती
हैं.
कॉलेज सूत्रों की मानें तो यहां म्यूजिक, भूगोल अाैर मनोविज्ञान के
शिक्षक नहीं हैं. इसके बावजूद यहां हर साल इन तीनों विषयों में ही अधिक
नामांकन होते हैं. तीनों ही विषय में रिजल्ट भी हर साल 90 फीसदी तक होते
हैं.
300 छात्राओं ने लिया म्यूजिक विषय
समिति से प्राप्त इस कॉलेज के रिजल्ट को देखें तो इस कॉलेज से तीन सौ
परीक्षार्थी ने म्यूजिक विषय लिया था. सभी परीक्षार्थियों को म्यूजिक के
प्रैक्टिकल में 70 में 65 अंक मिले हैं. ज्ञात हो कि इस कॉलेज में न तो
संगीत के शिक्षक हैं और न ही संगीत संबंधित कोई इंस्ट्रूमेंट ही काॅलेज के
पास है. वहीं, मनोविज्ञान में तीन सौ में 200 छात्राओं को 30 में 27 से 29
अंक मिले हैं. भूगोल में भी ऐसा ही हाल है.
अधिकतर छात्राएं लेती हैं प्रैक्टिकल वाले विषय : इस काॅलेज में हर
साल म्यूजिक, होमसाइंस और ज्योग्राफी विषय से ही छात्राएं अधिक परीक्षाएं
देती हैं. इस बार इंटर परीक्षा में यहां से 376 छात्राएं शामिल हुई थीं.
प्रैक्टिकल विषयों के कारण प्रथम श्रेणी में दो सौ छात्राएं पास हुई हैं.
कॉलेज का नाम बदल कर किया जा रहा गुमराह : इस काॅलेज का असली नाम
हुकुमचंद साह, रामसोमारी देवी, राम रामायण रमण, प्रेमा रमण महिला
महाविद्यालय है. लेकिन, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास इस काॅलेज का
नाम सिर्फ महिला महाविद्यालय है. इस कॉलेज के असली नाम की जानकारी बिहार
विद्यालय परीक्षा समिति को भी नहीं है.
क्या कहते हैं अध्यक्ष
जल्द ही 1317 कॉलेजों की जांच करायी जायेगी. अगर कोई कॉलेज अपना नाम
बदल कर या अधूरा नाम देकर बिहार बोर्ड से झूठ बोल रहा है, तो ऐसे कॉलेजों
की भी जांच करायी जायेगी. इसको लेकर जिला स्तर पर टीम बनायी गयी है.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति