जमुई। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कहे जाने वाले सिमुलतला आवासीय विद्यालय के
छात्रों ने अनुबंध शिक्षकों के सहारे आसमान छू लिया। लगातार तीसरे साल
सिमुलतला विद्यालय के छात्रों ने इतिहास रचते हुए टॉप टेन में अपना दबदबा
बनाए रखा है। यहां के छात्रों ने इंटर और मैट्रिक की परीक्षा में प्रदर्शन
कर नेतरहाट की कमी बिहार को नहीं खलने दी पर यहां के छात्रों को अपेक्षाकृत
सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।
2011 से जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र के स्थायी शिक्षक नहीं हैं। अनुबंध पर या दूसरे विषयों के शिक्षकों से कोर्स पूरा कराया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने एक ओर सिमुलतला आवासीय विद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित कर रखा है वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की संख्या सामान्य मानक को भी पूरा नहीं कर रही है। इस कारण हर साल आठ से 10 शिक्षक अनुबंध पर बहाल किए जाते हैं। पिछले छह साल में चार शिक्षक स्कूल छोड़ चुके हैं। जानकारी के अनुसार सिमुलतला आवासीय विद्यालय में माध्यमिक के सात और प्लस टू में छह शिक्षकों की जरूरत है। प्राचार्य सहित 19 शिक्षक स्थायी तौर पर स्कूल में कार्यरत हैं। परंतु इस सत्र में सुचारु रूप से कक्षाएं संचालित करने के लिए कम से कम टीजीटी और पीजीटी के छह-छह और एक टीजीटी शारीरिक शिक्षक अनिवार्य हैं। पीजीटी में केमिस्ट्री, बायोलॉजी, इतिहास, अर्थशास्त्र, कॉमर्स, अंग्रेजी तथा टीजीटी में फिजिक्स, बायोलॉजी, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, संस्कृत, स्पोकेन इंग्लिश के शिक्षक नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए 18 जून को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक प्रभाग में 12 शिक्षकों को अनुबंध पर रखने के लिए साक्षात्कार हुआ था। जिसमें अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के लिए एक-एक तथा कॉमर्स के लिए चार अभ्यर्थी ही साक्षात्कार के लिए पहुंचे। यही कारण है कि शिक्षकों के अभाव में पांच सेक्शन बंद करने पड़े हैं। 2013 तक कक्षा छह से 10 के लिए चार-चार सेक्शन संचालित थे। शिक्षकों के अभाव में 2014 से सभी वर्गो के एक-एक सेक्शन बंद कर दिए गए। 40-40 विद्यार्थियों के तीन सेक्शन अभी सभी कक्षाओं में संचालित किए जा रहे हैं। इतनी परेशानी और सीमित संसाधन के बावजूद सिमुलतला आवासीय विद्यालय बिहार का एक मात्र विद्यालय हैं जहां हर साल टापरों की पैदावार हो रही है। यही कारण है कि अब यह विद्यालय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन चुका है।
2011 से जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र के स्थायी शिक्षक नहीं हैं। अनुबंध पर या दूसरे विषयों के शिक्षकों से कोर्स पूरा कराया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने एक ओर सिमुलतला आवासीय विद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित कर रखा है वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की संख्या सामान्य मानक को भी पूरा नहीं कर रही है। इस कारण हर साल आठ से 10 शिक्षक अनुबंध पर बहाल किए जाते हैं। पिछले छह साल में चार शिक्षक स्कूल छोड़ चुके हैं। जानकारी के अनुसार सिमुलतला आवासीय विद्यालय में माध्यमिक के सात और प्लस टू में छह शिक्षकों की जरूरत है। प्राचार्य सहित 19 शिक्षक स्थायी तौर पर स्कूल में कार्यरत हैं। परंतु इस सत्र में सुचारु रूप से कक्षाएं संचालित करने के लिए कम से कम टीजीटी और पीजीटी के छह-छह और एक टीजीटी शारीरिक शिक्षक अनिवार्य हैं। पीजीटी में केमिस्ट्री, बायोलॉजी, इतिहास, अर्थशास्त्र, कॉमर्स, अंग्रेजी तथा टीजीटी में फिजिक्स, बायोलॉजी, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, संस्कृत, स्पोकेन इंग्लिश के शिक्षक नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए 18 जून को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक प्रभाग में 12 शिक्षकों को अनुबंध पर रखने के लिए साक्षात्कार हुआ था। जिसमें अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के लिए एक-एक तथा कॉमर्स के लिए चार अभ्यर्थी ही साक्षात्कार के लिए पहुंचे। यही कारण है कि शिक्षकों के अभाव में पांच सेक्शन बंद करने पड़े हैं। 2013 तक कक्षा छह से 10 के लिए चार-चार सेक्शन संचालित थे। शिक्षकों के अभाव में 2014 से सभी वर्गो के एक-एक सेक्शन बंद कर दिए गए। 40-40 विद्यार्थियों के तीन सेक्शन अभी सभी कक्षाओं में संचालित किए जा रहे हैं। इतनी परेशानी और सीमित संसाधन के बावजूद सिमुलतला आवासीय विद्यालय बिहार का एक मात्र विद्यालय हैं जहां हर साल टापरों की पैदावार हो रही है। यही कारण है कि अब यह विद्यालय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन चुका है।