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सरकार के तुगलकी फरमान स्वीकार्य नहीं : शिक्षक संघ

मधेपुरा। समान काम के लिए समान वेतन, लंबित सेवा शर्त जैसे मामले को लेकर हड़ताल कर रहे बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ अब सरकार से सीधे लड़ाई लड़ने का एलान किया है। रविवार को प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पु के आवास पर आयोजित प्रमंडलीय स्तर बैठक में आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया गया।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 80 फीसद विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य ठप है। अधिकांश विद्यालयों में ताला लटका है। परंतु सरकार समस्या का समाधान के बदले निरंकुशता पर उतर आयी है। उन्होंने कहा कि सरकार का लगता है कि ताकत के बल पर आंदोलन का कमजोर कर देंगे या वैकल्पिक व्यवस्था तैयार कर लेंगे। यह सरकार की भूल है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में ताला लटका है। लेकिन प्रधान शिक्षक प्रशासन के डर से एमडीएम का रिपोर्ट भेज रहें हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पूरे मामले में अपनी नीति स्पष्ट करें ताकि राज्य के लोग सरकार की मंशा को समझ सके। उन्होंने कहा कि हमलोग माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सीधी लड़ाई सरकार नहीं लड़ पाई तो शिक्षा स्वयं सेवक से विद्यालय का संचालन कर शिक्षा का मजाक उड़ा रहे हैं। बैठक की अध्यक्षता सहरसा के जिलाध्यक्ष सह राज्य सचिव निरंजन कुमार ने की। मौके पर मधेपुरा के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सचिव भूवन कुमार, उपाध्यक्ष जयकुमार ज्वाल, कोषाध्यक्ष बिनोद कुमार, विजय कुमार, चंद्रशेखर चंदु, अजय आनंद आदि उपस्थित थे।

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