भोजपुर। आजादी के 70 साल हो गए, क्या हमने खोया और क्या पाया कभी आपने सोचा
है। बाबा साहेब के बताए हुए मार्ग पर हम सभी चल रहे हैं? दूसरे के बारे
में हम बहुत कुछ कहते हैं उसके पहले अपने बारे में सोचना चाहिए।
उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री सह हम (से.) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शनिवार को संदेश सोन नद के तट पर बने निषाद मंच पर शोषित समाज एकता मंच के बैनर तले बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर की 126वीं जयंती समारोह सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का मूल रूप से तीन सूत्र है शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो। लेकिन हम संगठित नहीं हैं। उनके कहने के मुताबिक हम नहीं चल रहे हैं। हम लोग एकजुट होने का काम करें। जब तक हमलोग जाति बंधन को नही तोड़ेंगे तब तक समाज का कल्याण नहीं होगा। शिक्षित बनाने की बात हो रही है। पैसे वाले का लड़का दिल्ली, पटना और विदेश में पढ़ रहा है और गरीब का लड़का कहां पढ़ रहा है। गांव के विद्यालय में। बाबा साहब और लोहिया जी ने सभी के लिए समान शिक्षा की बात कही थी, लेकिन सरकार में रहने वालों लोगों की साजिश के चलते सबके लिए समान शिक्षा नहीं लागू किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षकों का पक्ष लेते हुए कहा कि समान काम के लिए समान वेतन शिक्षकों को मिलना चाहिए। सत्ता में बैठे लोग शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर रहे हैं। बिहार का खजाना खाली नहीं है। सिर्फ मुंह दूसरी तरफ है। शिक्षा का मतलब सर्वांगीण विकास है। स्वावलंबन की ओर जाने वाली शिक्षा नहीं दी जा रही है। हम समान शिक्षा की मांग कर रहे हैं। सरकार को हिम्मत है तो इसे लागू करे।
उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री सह हम (से.) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शनिवार को संदेश सोन नद के तट पर बने निषाद मंच पर शोषित समाज एकता मंच के बैनर तले बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर की 126वीं जयंती समारोह सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का मूल रूप से तीन सूत्र है शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो। लेकिन हम संगठित नहीं हैं। उनके कहने के मुताबिक हम नहीं चल रहे हैं। हम लोग एकजुट होने का काम करें। जब तक हमलोग जाति बंधन को नही तोड़ेंगे तब तक समाज का कल्याण नहीं होगा। शिक्षित बनाने की बात हो रही है। पैसे वाले का लड़का दिल्ली, पटना और विदेश में पढ़ रहा है और गरीब का लड़का कहां पढ़ रहा है। गांव के विद्यालय में। बाबा साहब और लोहिया जी ने सभी के लिए समान शिक्षा की बात कही थी, लेकिन सरकार में रहने वालों लोगों की साजिश के चलते सबके लिए समान शिक्षा नहीं लागू किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षकों का पक्ष लेते हुए कहा कि समान काम के लिए समान वेतन शिक्षकों को मिलना चाहिए। सत्ता में बैठे लोग शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर रहे हैं। बिहार का खजाना खाली नहीं है। सिर्फ मुंह दूसरी तरफ है। शिक्षा का मतलब सर्वांगीण विकास है। स्वावलंबन की ओर जाने वाली शिक्षा नहीं दी जा रही है। हम समान शिक्षा की मांग कर रहे हैं। सरकार को हिम्मत है तो इसे लागू करे।