यहां तो नियम बनाने वाले से ज्यादा नियम तोड़ने वाले हैं स्कूल

PATNA : शहर के अधिकतर स्कूल आरटीई के मापदंडों के अनुरूप नहीं बने हैं, लिहाजा उन्हें सरकार की सख्त कार्रवाई का सामना कर पड़ा रहा है। इस बीच शिक्षा विभाग के सामने एक बड़ी समस्या आ रही है।
कानून न पालन करने वाले स्कूलों की संख्या इतनी अधिक है कि उन बच्चों का दूसरे स्थानों पर एडमिशन कराने में काफी दिक्कत आएगी। मसलन तकरीबन क्भ्00 प्राइवेट स्कूलों में क्क्90 स्कूल डिफॉल्टर पाए गए हैं। ऐसे में उन स्टूडेंट्स को कहां एडमिशन दिलाया जाए यह विभाग के सामने बड़ी चुनौती है। विभाग स्कूलों का पक्ष जानकर उन्हें अपनी व्यवस्थाएं ठीक करने का मौका दे सकता है।

क्या बंद हो जाएंगे स्कूल?
प्राइमरी एजुकेशन की डायरेक्टर पुष्पा झा के मुताबिक कानून के सख्त प्रावधानों के सामने स्कूल की एक नहीं चलेगी। हालांकि स्टूडेंट्स का हित एक बड़ा मुद्दा है जिसके लिए स्कूलों को सुधरने के पर्याप्त मौके दिए जा रहे हैं। उनका पक्ष सुनकर उन्हें अपनी व्यवस्थाएं ठीक करने का एक मौका मिल सकता है।

आगे क्या होगा?
शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी स्कूलों को शो कॉज नोटिस पहुंचाए जा रहे हैं। प्राइमरी एजुकेशन डायरेक्टर पुष्पा झा ने जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही अगर इन स्कूलों की ओर से सही जवाब नहीं आता है तो इन स्कूलों से क् लाख रूपये जुर्माना के तौर पर वसूले जाएंगे और क् से लेकर 8 कक्षा तक को बंद करने का आदेश दिया जाएगा।

पढ़ाने लायक ही नहीं स्कूल
आरटीई कानून के मुताबिक स्कूलों में ख्भ् प्रतिशत वंचित स्टूडेंट्स को तब एडमिशन दिया जाना चाहिए। लेकिन विभाग की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ज्यादातर स्कूल पढ़ाने लायक ही नहीं है। उनके पास योग्य शिक्षकों की भारी कमी है। इंफ्रस्ट्रक्चर के मामले में भी स्कूल फिसड्डी ही है। ऐसे में उन्हें सुधारने के बाद ही एडमिशन का मौका दिया जाएगा।

ये हैं आरटीई के मापदंड
- सभी मौसम के उपयुक्त भवन हो.
- बाधामुक्त शिक्षा देने की व्यवस्था हो.
- सभी क्लास के लिए अलग- अलग कक्ष, ऑफिस सह स्टोर सह प्रधानाध्यापक कक्ष हो.
- बालक- बालिका के लिए पृथक- पृथक शौचालय.
- स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल हो.
- किचन शेड, खेल मैदान, बाउंड्रीवाल, लाइब्रेरी, पठन पाठन सामग्री, उपकरण हों.
- प्राइमरी स्कूल में साल में दो सौ और मिडिल में ख्ख्0 दिन पढ़ाई होनी चाहिए.
- शिक्षकों की योग्यता डीएड और बीएड होनी चाहिए.
- प्राइमरी में फ्0 छात्रों पर एक शिक्षक। क्भ्0 से ज्यादा छात्र होने पर प्रधानाध्यापक.
- मिडिल में फ्भ् छात्रों पर एक शिक्षक की व्यवस्था.


विभाग मापदंडों को पूरा न करने वाले स्कूलों के प्रति काफी सख्ती से पेश आने वाला है। इसके लिए उन्हें नोटिस भी दिया जा रहा है। अगर सुनावाई में उनकी बात ठीक लगी तो ही सुधार करने का मौका दिया जाएगा।
- पुष्पा झा, डायरेक्टर, प्राइमरी एजुकेशन

स्कूलों का इंस्पेक्शन कई साल पहले किया गया। विभाग की उदाशीनता से उन्हें अनुमति नहीं मिल रही है। स्कूल को हम बंद नहीं होने देंगे.
शमाइल अहमद, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन

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