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समान काम समान वेतन और राज्यकर्मी का दर्जा : किसी संघ की पहुँच 10-12 जिलों से ज्यादा में नही

कल से इंटरमीडिएट की परीक्षा भी प्रारम्भ हो जायेगी और आगे मैट्रिक की भी ।फ़िर विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी ।कहाँ है वे संघ के लोग जो इन परीक्षाओं के बहिष्कार की बातें जोर-शोर से करते नही थकते थे ?
आगे लगभग अधिकांश संघों ने एकदिनी धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम बना रखा है ।
आप लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनायें है इसके लिये ।आपलोग बहुत महान कार्य कर रहे है ।
आप लोगों को लगता है की इ हठी सरकार इस तरह के एकदिवसीय प्रदर्शन से डरकर समान काम समान वेतन की सौगात और राज्यकर्मी का दर्जा दे देगी !
और आपलोगो ने ये धरना का कार्यक्रम रखा तो अलग-अलग तिथि पर क्यों ?किसी संघ ने आज रखा तो किसी ने 10 दिन बाद और किसी-किसी ने तो महीने दिन बाद ।
अलबत्ता इस तरह से आम शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित माँग को सरकार मानने से रही; क्योंकि हमारा मानना है की किसी संघ की पहुँच 10-12 जिलों से ज्यादा में नही है ।
इन मांगो को सरकार से मनवाना किसी एक संगठन के कुबत के बाहर की बात है ।ख्याली पुलाव पकाना ही है तो कोई बात नही ।
फ़िर भी हम आम शिक्षक सभी को अग्रिम हार्दिक शुभकामनायें देते है की आपलोग इस महती कार्य में सफल हो ।

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