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नियोजित शिक्षकों को भी वित्तीय प्रभार देने की मांग

छपरा। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि जिले के राजकीयकृत हाईस्कूलों में हेडमास्टरों का टोटा है। प्रभारी हेडमास्टर के भरोसे स्कूल चलाए जा रहे हैं। पठन-पाठन के अलावा छात्र व विकास कोष के संचालन तक कोई परेशानी नहीं है। वेतन निकासी व कोषागार जाने के लिए डीडीओ बनने के लिए किच-किच स्कूलों में रोज हो रही है।
कोई वित्तीय जिम्मेवारी को लेकर अन्य स्कूलों का प्रभार लेने को तैयार नहीं है। उन 17 हेडमास्टरों में भी तीन अगले महीने सेवानिवृत्त होने वाले हैं। हेडमास्टरों की संख्या घटती जा रही है। माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव राजाजी राजेश ने डीईओ से मांग की है कि जिले में जितने प्रधानाध्यापक हैं, उनके बीच स्कूल को बराबर संख्या में बांट कर निकासी व व्ययन पदाधिकारी की जिम्मेवारी दी जाए। दस साल की सेवा पूरी करने वाले नियोजित शिक्षकों को भी प्रधानाध्यापक का दर्जा दिया जाये ताकि अराजक स्थिति न बन पाये। 121 राजकीयकृत स्कूलों में नियमित वेतनमान वाले 59 प्रभारी प्रधानाध्यापक और 45 नियोजित शिक्षक प्रभारी हेडमास्टर बने हैं।
फोल्डर भेजने में लापरवाही की शिकायत
छपरा। अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों ने डीएम से मिलकर अविलंब निदेशालय में फोल्डर भेजवाने की मांग की है। उनका कहना है कि 20 दिसंबर तक ही जन शिक्षा निदेशक ने फोल्डर की मांग की थी लेकिन साक्षरता कार्यालय की लापरवाही की वजह से फोल्डर नहीं भेजा गया। इस वजह से अनुदेशकों का समायोजन नहीं हो पा रहा है। सुरेश स्िंाह, राजेश कुमार सिंह, हरेंद्र ठाकुर व अन्य थे। 

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