पटना। कार्यालय संवाददाता आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) और इसे जुड़े तकनीकी संस्थानों में परीक्षा खत्म होने के 15 दिन के अंदर रिजल्ट आ जाएंगे। यह सब विवि और इससे जुड़े तकनीकी संस्थानों के पूरी तरह ऑटोमेशन होने से होगा।
ऑटोमेशन को लेकर शुक्रवार को विश्वविद्यालय में हुई बैठक में विवि को डिजिटलाइज करने को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसके तहत कॉलेज व संस्थानों को विवि से यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा। फिर विद्यार्थी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराएंगे।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि सभी संस्थान इस बार से ही ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म लेंगे। वहीं परीक्षा खत्म होने के बाद उत्तरपुस्तिका का डिजिटल मूल्यांकन होगा। चूंकि मूल्यांकन पटना में केंद्रीकृत होता है, इसलिए कॉलेजों और संस्थाओं ने परीक्षा खत्म होने के अगले दिन ही मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय को शिक्षक मुहैया करा देने की बात कही है। ऐसे में परीक्षा खत्म होने के 15 दिन में रिजल्ट आ जाएगा। गौरतलब है कि विवि ने पहले से भी कुछ काम ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी को पूरी तरह डिजिटलाइज करने की योजना थी, जिस पर शुक्रवार को अंतिम रूप से निर्णय हो गया।
50 संस्थानों के प्राचार्य व अधिकारी आए
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक में राज्य भर के लगभग 50 इंजीनियरिंग, मेडिकल, पारा मेडिकल, बीएड और दूसरे वोकेशनल कोर्स संचालित करनेवाले कॉलेज और संस्थान के प्राचार्य और रिसोर्स पर्सन मौजूद थे। वहीं विवि की ओर से प्रतिकुलपति प्रो. एसएम करीम, रजिस्ट्रार प्रो. अजय प्रताप, ओएसडी डॉ रामजी आदि मौजूद थे। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि बैठक में कुलपति प्रो. समरेंद्र प्रताप भी थोड़ी देर के लिए आए, लेकिन उन्हें कहीं जाना था, इसलिए वे चले गए।
ऐसे होगा डिजिटल मूल्यांकन
उत्तर पुस्तिका स्कैन कर के उसे सर्वर पर डाला जाएगा। यहां से यह कंप्यूटर पर डिस्ट्रीब्यूट हो जाएगा। शिक्षक कंप्यूटर पर कॉपी जांचेंगे। उसी समय अंक देंगे। कंप्यूटर ऑटोमेटिक उस छात्र के नाम पर अंक जोड़ लेगा। इसमें शिक्षक को पता नहीं होगा कि कॉपी किस छात्र की है। यानी छात्र की जानकारी छुपी रहेगी। इसे मॉस्किंग बोलते हैं। हालांकि छात्रों को अंकपत्र कॉलेज से मैनुअली ही मिलेगा।
विवि के अंतर्गत 30 हजार छात्र कर रहे पढ़ाई
अभी एकेयू से जितने तकनीकी संस्थान जुड़े हैं, उनमें लगभग 30 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। लगभग 20 हजार छात्र तो इंजीनियरिंग के हैं। वहीं आठ हजार छात्र मेडिकल कॉलेज के हैं। बाकी 10 हजार विद्यार्थी बीएड, पारा मेडिकल, नर्सिंग आदि कोर्स में हैं।
ऑटोमेशन को लेकर शुक्रवार को विश्वविद्यालय में हुई बैठक में विवि को डिजिटलाइज करने को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसके तहत कॉलेज व संस्थानों को विवि से यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा। फिर विद्यार्थी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराएंगे।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि सभी संस्थान इस बार से ही ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म लेंगे। वहीं परीक्षा खत्म होने के बाद उत्तरपुस्तिका का डिजिटल मूल्यांकन होगा। चूंकि मूल्यांकन पटना में केंद्रीकृत होता है, इसलिए कॉलेजों और संस्थाओं ने परीक्षा खत्म होने के अगले दिन ही मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय को शिक्षक मुहैया करा देने की बात कही है। ऐसे में परीक्षा खत्म होने के 15 दिन में रिजल्ट आ जाएगा। गौरतलब है कि विवि ने पहले से भी कुछ काम ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी को पूरी तरह डिजिटलाइज करने की योजना थी, जिस पर शुक्रवार को अंतिम रूप से निर्णय हो गया।
50 संस्थानों के प्राचार्य व अधिकारी आए
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक में राज्य भर के लगभग 50 इंजीनियरिंग, मेडिकल, पारा मेडिकल, बीएड और दूसरे वोकेशनल कोर्स संचालित करनेवाले कॉलेज और संस्थान के प्राचार्य और रिसोर्स पर्सन मौजूद थे। वहीं विवि की ओर से प्रतिकुलपति प्रो. एसएम करीम, रजिस्ट्रार प्रो. अजय प्रताप, ओएसडी डॉ रामजी आदि मौजूद थे। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि बैठक में कुलपति प्रो. समरेंद्र प्रताप भी थोड़ी देर के लिए आए, लेकिन उन्हें कहीं जाना था, इसलिए वे चले गए।
ऐसे होगा डिजिटल मूल्यांकन
उत्तर पुस्तिका स्कैन कर के उसे सर्वर पर डाला जाएगा। यहां से यह कंप्यूटर पर डिस्ट्रीब्यूट हो जाएगा। शिक्षक कंप्यूटर पर कॉपी जांचेंगे। उसी समय अंक देंगे। कंप्यूटर ऑटोमेटिक उस छात्र के नाम पर अंक जोड़ लेगा। इसमें शिक्षक को पता नहीं होगा कि कॉपी किस छात्र की है। यानी छात्र की जानकारी छुपी रहेगी। इसे मॉस्किंग बोलते हैं। हालांकि छात्रों को अंकपत्र कॉलेज से मैनुअली ही मिलेगा।
विवि के अंतर्गत 30 हजार छात्र कर रहे पढ़ाई
अभी एकेयू से जितने तकनीकी संस्थान जुड़े हैं, उनमें लगभग 30 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। लगभग 20 हजार छात्र तो इंजीनियरिंग के हैं। वहीं आठ हजार छात्र मेडिकल कॉलेज के हैं। बाकी 10 हजार विद्यार्थी बीएड, पारा मेडिकल, नर्सिंग आदि कोर्स में हैं।