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...और तीसरी बार भी दक्षता परीक्षा में फेल हो गये कई गुरुजी

छपरा। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि छात्रों को आमतौर पर पास कराने वाले गुरुजी खुद ही दक्षता परीक्षा में एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार फेल हो गये। फेल होने वाले इन गुरुजनों को अब तो नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा।

पटना में आयोजित तीसरी बार की दक्षता परीक्षा के रिजल्ट कें बाद नौकरी जानी लगभग तय है। सिर्फ विभाग को राज्य शैक्षिक शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा आधिकारिक तौर पर सूची मिलने के बाद उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, जिले में करीब आधा दर्जन गुरुजी फेल हुए हैं। पहले तो दो बार फेल होने पर ही नौकरी से हटाने का प्रावधान था लेकिन संशोधन के बाद तीसरी बार उनको मौका मिला था जिसे वे भुनाने में असफल रहे।

19 जुलाई को दक्षता परीक्षा पटना में आयोजित की गयी थी। सेवा के तीन वर्ष पूरे करने वाले शिक्षक ही दक्षता परीक्षा में शामिल हुए थे। स्थापना डीपीओ दिलीप सिंह ने कहा कि एससीईआरटी से ऐसे शिक्षकों की सूची मिलते ही बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।

टीईटी पास शिक्षक नहीं हुए थे शामिल

दक्षता परीक्षा में बी-टेट या सी-टेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक शामिल नहीं हुए थे। शिक्षक नियोजन नियमावली 2006 व 2008 के अनुसार वर्ष 2006, 2007 व 2010 में नियोजित शिक्षकों की वेतन वृद्धि के लिए परीक्षा पास करना अनिवार्य किया गया है। बिहार पंचायत, नगर प्रारंभिक शिक्षक नियमावली 2006, 2008 और यथा संशोधित 2015 के अनुसार नियोजित पंचायत , प्रखंड व नगर नियोजित सामान्य शिक्षक, शारीरिक शिक्षक व उर्दू शिक्षक इस परीक्षा में शामिल हुए थे। परीक्षा में पारदर्शिता के ख्याल से कार्बन युक्त ओएमआर शीट पर गुरुजी की परीक्षा ली गयी थी। सामान्य, शारीरिक व उर्दू शिक्षक के लिए अलग-अलग परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे। 70 प्रतिशत प्रश्न विषय वस्तु से पूछे गये थे। लगभग 20 प्रतिशत प्रश्न शिक्षण कौशल व दक्षता पर आधारित थे। शेष 10 प्रतिशत प्रश्न उनकी अभिरुचि व रीजनिंग से जुड़े थे। प्रश्न राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम पर ही आधारित थे।

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