मधेपुरा । भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों व विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में प्राध्यापकों की पांच घंटे की ड्यूटी अनिवार्य कर दी गयी है। कॉलेज छोड़कर जाने के समय सभी को हस्ताक्षर कर जाना होगा। इसके लिए कुलाधिपति ने आदेश निकाला है। मंगलवार से आदेश का पालन भी शुरु हो गया। फलाफल कॉलेजों में प्राध्यापकों की सर्वाधिक उपस्थिति देखी गई। इसकी मानट¨रग कुलाधिपति स्वयं करेंगे।
मामले की मंगलवार को पड़ताल की गयी तो स्थित इस प्रकार मिली। टीपी कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. एचएलएस जौहरी ने बताया कि कुछ शिक्षक सीएल पर है, शेष सभी उपस्थित हैं। पीएस कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. राजीव ¨सहा बताते हैं कि विश्वविद्यालय को प्रतिवेदित किया जा चुका है कि कौन-कौन शिक्षक उपस्थित और अनुपस्थित है। यद्यपि कॉलेज में परीक्षा जारी है, तो अधिकांश प्राध्यापक उपस्थित ही रहते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राध्यापकों को प्राचार्य द्वारा यह अल्टीमेटम दिया जा चूका है कि वे समय पर आकर अपनी उपस्थिति समय के साथ बनाकर फिर पांच घंटों के बाद जाते वक्त अपना हस्ताक्षर समय के साथ बनाकर जाएं। प्राध्यापकों की उपस्थिति तो कुलाधिपति के आदेश मात्र से होने लगी। लेकिन कॉलेजों की शैक्षणिक बदहाली पर अंकुश के लिए अब छात्रोपस्थिति पर ध्यान देना जरूरी हो गया। पूर्व से ही यह नियम है कि 75 प्रतिशत उपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं को ही परीक्षा प्रपत्र भरने दिया जायेगा। लेकिन व्यवहारिक यह कहीं लागू नहीं हो रहा है। लेकिन इस पर कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। वहीं परीक्षा में कदाचार पर रोकने से भी छात्रापस्थिति बढ़ेगी। इसके लिए यहां पूर्व से ही परीक्षा में कदाचारियों को निष्कासित किया जाने लगा है।
मालूम हो कि कुलाधिपति सह राज्यपाल के प्रधान सचिव डा. ई.एलएसएन बाला प्रसाद ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रतिकुलपति और रजिस्ट्रार को यह निदेशित किया है कि सभी विश्वविद्यालय उपस्थिति का एक दैनिक प्रतिवेदन तीन बजे तक अवश्य फैक्स करें। यह प्रतिवेदन राज्यपाल सचिवालय के साथ साथ बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में भी भेजना है।
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC