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जांच के दायरे में टीईटी प्रमाण-पत्र की जांच

जमुई। शिक्षा विभाग द्वारा नियोजित शिक्षकों के टीईटी प्रमाण-पत्रों की जांच अब खुद जांच के दायरे में आ गया है। टीईटी प्रमाण-पत्रों की प्रमाणिकता और विभाग की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं। अब तक दो दर्जन से अधिक वैसे शिक्षक चिन्हित किए गए हैं जो जाली टीईटी पर नियोजित हुए।
अहम बात यह है कि वैसे शिक्षकों के टीईटी प्रमाण-पत्रों को भी सही होने का ठप्पा पदाधिकारी द्वारा दिया गया है। मामला फंसते देख रिपोर्ट में भी हेर-फेर की जुगत प्रारंभ हो गई है। साथ ही मामला असली और नकली की पहचान पर आ टिकी है। ताजा मामला झाझा प्रखंड से जुड़ा है। प्रखंड के पांडेयडीह व कारीझार स्कूल में नीतू कुमारी नाम की दो शिक्षिका कार्य कर रही हैं। दोनों के नाम व पता के अलावा शैक्षणिक योग्यता व प्रमाण-पत्र एक ही हैं। विभाग ने जांच के दौरान इन दोनों के टीईटी को सही ठहराया है। झाझा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कारीझार विद्यालय में कार्यरत नीतू कुमारी को सही करार देते हुए वेतन भुगतान की अनुशंसा की है। वहीं पांडेयडीह स्कूल में कार्यरत नीतू कुमारी के वेतन पर उन्होंने रोक लगा दिया है। शिक्षा विभाग स्थापना शाखा की माने तो पांडेयडीह स्कूल में कार्यरत नीतू कुमारी ने सभी प्रमाण-पत्रों को पदाधिकारी के समक्ष दिखाया है जबकि कारीझार की नीतू अब तक अपने प्रमाण-पत्रों को पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया है। इसी प्रकार सोनो के चार, चकाई के छह, जमुई के तीन, अलीगंज के पांच शिक्षकों के टीईटी को तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा ने जांचोपरांत सही ठहराया है जबकि वर्तमान में उनके टीईटी के फर्जी होने का मामला बन रहा है। बहरहाल ऐसे में पूर्व के डीईओ द्वारा टीईटी की जांच खुद जांच के दायरे में आ गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) महेन्द्र झा बताते हैं कि पूर्व के जांच की रिपोर्ट पर कई फर्जी शिक्षकों के वेतन का भुगतान हो गया। उन्होंने स्वीकारा कि नीतू कुमारी के तरह दर्जनों वैसे शिक्षक हैं जिनके टीईटी की जांच और उनकी प्रमाणिकता जांच के दायरे में है।


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