फर्जी प्रमाणपत्र पर स्कूलों में नौकरी कर रहे 178 शिक्षकों को सेवा मुक्त करने का आदेश सरकार ने जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग बर्खास्त किए जाने वाले शिक्षकों के नाम भी सार्वजनिक करेगा।
शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच को लेकर शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने उन शिक्षकों का ब्योरा तलब किया जिनके बारे में निगरानी ने रिपोर्ट दे दी है और साफ कर दिया है कि इन शिक्षकों का नियोजन फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर हुआ है। कई जिलों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अब तक ऐसे कुल 178 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की पहचान की गई है। जिनमें से 29 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। दो निलंबित हैं और तीन की बर्खास्तगी की प्रक्रिया जारी है। इस पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिलों को निर्देश दिया कि जब फर्जी प्रमाणपत्र के साक्ष्य मिल चुके हैं ऐसे में विलंब करने की कोई जरूरत नहीं है। डीपीओ से कहा गया है कि वे 17 जून तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप कर बताएं कि किस जिले से कितने शिक्षक को बर्खास्त किया गया है।
15 दिनों के अंदर बाकी फोल्डर सौंपें
निगरानी जांच की समीक्षा बैठक में शामिल डीपीओ ने सरकार को बताया कि साढ़े तीन लाख शिक्षकों में से तकरीबन दो लाख शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर निगरानी को दिए जा चुके हैं। इस पर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीपीओ (स्थापना) को निर्देश दिया कि शेष शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर 15 दिनों के अंदर निगरानी को सौंप दिए जाएं.
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शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच को लेकर शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने उन शिक्षकों का ब्योरा तलब किया जिनके बारे में निगरानी ने रिपोर्ट दे दी है और साफ कर दिया है कि इन शिक्षकों का नियोजन फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर हुआ है। कई जिलों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अब तक ऐसे कुल 178 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की पहचान की गई है। जिनमें से 29 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है। दो निलंबित हैं और तीन की बर्खास्तगी की प्रक्रिया जारी है। इस पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिलों को निर्देश दिया कि जब फर्जी प्रमाणपत्र के साक्ष्य मिल चुके हैं ऐसे में विलंब करने की कोई जरूरत नहीं है। डीपीओ से कहा गया है कि वे 17 जून तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप कर बताएं कि किस जिले से कितने शिक्षक को बर्खास्त किया गया है।
15 दिनों के अंदर बाकी फोल्डर सौंपें
निगरानी जांच की समीक्षा बैठक में शामिल डीपीओ ने सरकार को बताया कि साढ़े तीन लाख शिक्षकों में से तकरीबन दो लाख शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर निगरानी को दिए जा चुके हैं। इस पर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीपीओ (स्थापना) को निर्देश दिया कि शेष शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर 15 दिनों के अंदर निगरानी को सौंप दिए जाएं.
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