भागलपुर, भागलपुर विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए अतिथि
व्याख्याताओं की नियुक्ति कर सकेगा। राजभवन ने इसके लिए अनुमति दे दी है।
राजभवन के ओएसडी आरएल श्रीवास्तव ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि विवि के
कॉलेजों और विभागों में शिक्षकों की कमी दूर करने को लेकर राज्य सरकार ने
पूर्व में संकल्प जारी किया था, जिसमें रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति होने तक अतिथि व्याख्याता बहाल करने का निर्देश शामिल था। राजभवन ने अपने आदेश में सरकार के उस संकल्प के पत्र को शामिल करते हुए उस पर अमल करने का आदेश दिया है। नियुक्ति यूजीसी के मानकों के तहत होगी। दरअसल ललित नारायण मिथिला विवि के एक विभाग में तीन हजार छात्रों पर दो शिक्षक नियुक्त होने की खबर अखबारों में छपने के बाद मानवाधिकार आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार को पूरी स्थिति की जानकारी दी थी। इसके बाद सरकार ने सभी विवि से छात्रों और शिक्षकों की संख्या विभागवार मांगी थी। इसके आधार पर ही सरकार ने अपने पूर्व में जारी संकल्प को फिर से अमल में लाने का निर्णय किया और इसके लिए राजभवन से सहमति मांगी थी। भागलपुर विवि में अभी 595 नियमित शिक्षक हैं, जो स्वीकृत पद के आधे से भी कम हैं। इनमें भी 62 शिक्षक इस वर्ष दिसंबर तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। भुस्टा के महासचिव डॉ. शंभु प्रसाद सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 तक 50 और शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में नियमित शिक्षकों की संख्या और कम हो जाएगी, जबकि भागलपुर विवि के कॉलेजों में अब तक इंटर की पढ़ाई जारी है और इसके अलावा स्नातक की कक्षाएं होती हैं। पांच कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई भी शुरूहो गई और तीन अन्य कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव है। भुगतान का मामला अनसुलझा भागलपुर विवि में पूर्व में भी 117 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इन्हें प्रति कक्षा 250 रुपए और महीने में अधिकतम 12 हजार रुपए देना विवि ने तय किया था। यह भुगतान कॉलेजों को अपने आंतरिक स्रोत से करना था। लेकिन थोड़े दिन संचालन के बाद ज्यादातर कॉलेजों ने भुगतान करने से हाथ खड़े कर दिए। नवनियुक्त व्याख्याता संघ के अध्यक्ष डॉ. आनंद आजाद ने बताया कि इस मामले को लेकर विवि ने सरकार को पत्र लिखकर मानदेय प्रतिकक्षा एक हजार और महीने में अधिकतम 25 हजार रुपए के भुगतान के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए की मांग की थी। लेकिन राशि मिली नहीं है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
पूर्व में संकल्प जारी किया था, जिसमें रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति होने तक अतिथि व्याख्याता बहाल करने का निर्देश शामिल था। राजभवन ने अपने आदेश में सरकार के उस संकल्प के पत्र को शामिल करते हुए उस पर अमल करने का आदेश दिया है। नियुक्ति यूजीसी के मानकों के तहत होगी। दरअसल ललित नारायण मिथिला विवि के एक विभाग में तीन हजार छात्रों पर दो शिक्षक नियुक्त होने की खबर अखबारों में छपने के बाद मानवाधिकार आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार को पूरी स्थिति की जानकारी दी थी। इसके बाद सरकार ने सभी विवि से छात्रों और शिक्षकों की संख्या विभागवार मांगी थी। इसके आधार पर ही सरकार ने अपने पूर्व में जारी संकल्प को फिर से अमल में लाने का निर्णय किया और इसके लिए राजभवन से सहमति मांगी थी। भागलपुर विवि में अभी 595 नियमित शिक्षक हैं, जो स्वीकृत पद के आधे से भी कम हैं। इनमें भी 62 शिक्षक इस वर्ष दिसंबर तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। भुस्टा के महासचिव डॉ. शंभु प्रसाद सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 तक 50 और शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में नियमित शिक्षकों की संख्या और कम हो जाएगी, जबकि भागलपुर विवि के कॉलेजों में अब तक इंटर की पढ़ाई जारी है और इसके अलावा स्नातक की कक्षाएं होती हैं। पांच कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई भी शुरूहो गई और तीन अन्य कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव है। भुगतान का मामला अनसुलझा भागलपुर विवि में पूर्व में भी 117 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इन्हें प्रति कक्षा 250 रुपए और महीने में अधिकतम 12 हजार रुपए देना विवि ने तय किया था। यह भुगतान कॉलेजों को अपने आंतरिक स्रोत से करना था। लेकिन थोड़े दिन संचालन के बाद ज्यादातर कॉलेजों ने भुगतान करने से हाथ खड़े कर दिए। नवनियुक्त व्याख्याता संघ के अध्यक्ष डॉ. आनंद आजाद ने बताया कि इस मामले को लेकर विवि ने सरकार को पत्र लिखकर मानदेय प्रतिकक्षा एक हजार और महीने में अधिकतम 25 हजार रुपए के भुगतान के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए की मांग की थी। लेकिन राशि मिली नहीं है।
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